
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 26 जुलाई 2025*
*⛅दिन – शनिवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2082*
*⛅अयन – दक्षिणायण*
*⛅ऋतु – वर्षा*
*⛈️ अमांत – 11 गते श्रावण मास प्रविष्टि*
*⛈️ राष्ट्रीय तिथि – 4 श्रावण मास*
*⛅मास – श्रावण*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – द्वितीया रात्रि 10:41 तक तत्पश्चात् तृतीया*
*⛅नक्षत्र – अश्लेषा दोपहर 03:52 तक तत्पश्चात् मघा*
*⛅योग – व्यतीपात प्रातः 04:06 जुलाई 27 तक, तत्पश्चात् वरीयान्*
*⛅राहुकाल – सुबह 09:00 से सुबह 10:42 तक*
*⛅सूर्योदय – 05:32*
*⛅सूर्यास्त – 07:15*
*⛅दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त – प्रातः 04:42 से प्रातः 05:25 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:20 से दोपहर 01:13 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:25 जुलाई 27 से रात्रि 01:08 जुलाई 27 तक*
*⛅️व्रत पर्व विवरण – व्यतीपात योग (प्रातः 05:33 से प्रातः 04:06 जुलाई 27 तक)*
*⛅विशेष – द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्तपुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🔹मंत्र से आरोग्यता🔹*
*🔸शब्दों की ध्वनि का अलग-अलग अंगों पर एवं वातावरण पर असर होता है । कई शब्दों का उच्चारण कुदरती रूप से होता है । आलस्य के समय कुदरती आ… आ… होता है । रोग की पीड़ा के समय ॐ…. ॐ…. का उच्चारण कुदरती ऊँह…. ऊँह…. के रूप में होता है । यदि कुछ अक्षरों का महत्त्व समझकर उच्चारण किया जाय तो बहुत सारे रोगों से छुटकारा मिल सकता है ।*
*🔸’अ’ उच्चारण से जननेन्द्रिय पर अच्छा असर पड़ता है ।*
*🔸’आ’ उच्चारण से जीवनशक्ति आदि पर अच्छा प्रभाव पड़ता है । दमा और खाँसी के रोग में आराम मिलता है, आलस्य दूर होता है ।*
*🔸’इ’ उच्चारण से कफ, आँतों का विष और मल दूर होता है । कब्ज, पेड़ू के दर्द, सिरदर्द और हृदयरोग में भी बड़ा लाभ होता है । उदासीनता और क्रोध मिटाने में भी यह अक्षर बड़ा फायदा करता है ।*
*🔸’ओ’ उच्चारण से ऊर्जाशक्ति का विकास होता है ।*
*🔸’म’ उच्चारण से मानसिक शक्तियाँ विकसित होती हैं। शायद इसीलिए भारत के ऋषियों ने जन्मदात्री के लिए ‘माता’ शब्द पसंद किया होगा ।*
*🔸’ॐ’ का उच्चारण करने से ऊर्जा प्राप्त होती है और मानसिक शक्तियाँ विकसित होती हैं । मस्तिष्क, पेट और सूक्ष्म इन्द्रियों पर सात्त्विक असर होता है ।*
*🔸’ह्रीं’ उच्चारण करने से पाचन-तंत्र, गले और हृदय पर अच्छा प्रभाव पड़ता है ।*
*🔸’ह्रं’ उच्चारण करने से पेट, जिगर, तिल्ली, आँतों और गर्भाशय पर अच्छा असर पड़ता है ।*
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