
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 10 जुलाई 2025*
*⛅ दिन – गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2082*
*⛅अयन – उत्तरायण*
*⛅ऋतु – वर्षा*
*☁️ अमांत – 26 गते आषाढ़ मास प्रविष्टि*
*☁️ राष्ट्रीय तिथि – 18 आषाढ़ मास*
*⛅मास – आषाढ़*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – पूर्णिमा रात्रि 02:06 जुलाई 11 तक तत्पश्चात् प्रतिपदा*
*⛅नक्षत्र – पूर्वाषाढ़ा प्रातः 05:56 जुलाई 11 तक तत्पश्चात् उत्तराषाढ़ा*
*⛅योग – इंद्र रात्रि 09:38 तक तत्पश्चात् वैधृति*
*⛅राहुकाल – दोपहर 02:06 से शाम 03:49 तक*
*⛅सूर्योदय – 05:23*
*⛅सूर्यास्त – 07:21*
*⛅दिशा शूल – दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त – प्रातः 04:37 से प्रातः 05:19 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:18 से दोपहर 01:12 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:24 जुलाई 11 से रात्रि 01:06 जुलाई 12 तक*
*⛅️व्रत पर्व विवरण – व्यास पूर्णिमा, गुरुपूर्णिमा, आषाढ़ पूर्णिमा, कोकिला व्रत, सन्यासी चतुर्मासारम्भ*
*⛅विशेष – पूर्णिमा को स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना व लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*☔वर्षा ऋतु में क्या करें ?, क्या न करें ?☔*
*✅क्या करें ?✅*
*🔹१] भोजन में मधुर, खट्टे व लवण रसवाले, चिकनाईयुक्त, वातशामक, जठराग्निरक्षक द्रव्यों की प्रधानता हो । ( चरकसंहिता, भावप्रकाश)*
*🔹२] पुराने जौ, गेहूँ, चावल, काला नमक युक्त मूँग का सूप, शहद व अन्य सुपाच्य पदार्थों का सेवन करें । ( चरक संहिता, अष्टांगह्रदय )*
*🔹३] सोंठ, काली मिर्च, तेजपत्ता, दालचीनी, जीरा, धनिया, अजवायन, राई, हींग, पपीता, नाशपाती, सूरन, परवल, तोरई, बैंगन, सहजन, मूँग दाल, कुलथी, नींबू, करेला, पुनर्नवा, पुदीना, आँवला व तुलसी का सेवन लाभदायी है ।*
*🔹४] पहले का खाया हुआ पच जाने पर जब खुलकर भूख लगे व शरीर में हलकापन लगे तभी दूसरा भोजन करें । (अष्टांगह्रदय आदि )*
*🔹५] गर्म करके ठंडा या गुनगुना किया हुआ पानी पीना चाहिए । (अष्टांगह्रदय, चरक संहिता )*
*🔹६] सूखे स्थान पर रहें । घर में नमी न रहे इसका ध्यान रखें ।*
*🔹७] हलके, सूती कपड़े पहने । सफेद वस्त्र विशेष लाभदायी है ।*
*❌क्या न करें ? ❌*
*🔹१] हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, पत्तागोभी, मेथी आदि तथा पचने में भारी, वातवर्धक एवं बासी पदार्थ का सेवन न करें ।*
*🔹२] उड़द, चना, अरहर, चौलाई, आलू, केला, आम, अंकुरित अनाज, मैदा, मिठाई, शीतल पेय, आइसक्रीम, दही व सत्तू का सेवन न करें ।*
*🔹३] दिन में सोना, ओस गिरते समय उसमें बैठना या घूमना, बारिश में भीगना, अधिक व्यायाम एवं मैथुन छोड़ देना चाहिए । ( चरक संहिता आदि )*
*🔹४] रात्रि में खुले आकाश के नीचे न सोयें ।*
*🔹५] स्नान के बाद या बारिश में भीगने के बाद गीले शरीर कपड़े न पहनें । शरीर को अच्छे से पोछकर ही कपड़े पहने ।*
*🔹६] खुले बदन न घूमें ।*
*🔹७] देर रात को भोजन न करें ।*
*🔹८] रात्रि जागरण न करें ।*
🙏🏻🌹🚩💐🌺🍁🕉️🌹💐🌺🌹🙏🏻
