
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 06 जुलाई 2025*
*⛅दिन – रविवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2082*
*⛅अयन – उत्तरायण*
*⛅ऋतु – वर्षा*
*🌦️ अमांत – 23 गते आषाढ़ मास प्रविष्टि*
*🌦️ राष्ट्रीय तिथि – 15 आषाढ़ मास*
*⛅मास – आषाढ़*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – एकादशी रात्रि 09:14 तक तत्पश्चात् द्वादशी*
*⛅नक्षत्र – विशाखा रात्रि 10:42 तक तत्पश्चात् अनुराधा*
*⛅योग – साध्य रात्रि 09:27 तक तत्पश्चात् शुभ*
*⛅राहुकाल – शाम 05:33 से शाम 07:17 तक*
*⛅सूर्योदय – 05:21*
*⛅सूर्यास्त – 07:22*
*⛅दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त – प्रातः 04:36 से प्रातः 05:18 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:17 से दोपहर 01:11 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:24 जुलाई 07 से रात्रि 01:06 जुलाई 07 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण – देवशयनी एकादशी, चतुर्मास व्रतारम्भ, गौरी व्रत प्रारंभ, त्रिपुष्कर योग (रात्रि 09:14 से रात्रि 10:42 तक)*
*⛅विशेष – एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🌹देवशयनी एकादशी – 06 जुलाई 2025🌹*
*🔹एकादशी व्रत के लाभ🔹*
*🔸 एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।*
*🔸 जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
*🔸 जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
*🔸 एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
*🔸 धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*
*🔸 कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*
