
धामी कैबिनेट ने पशुधन प्रसार अधिकारियों की प्रशिक्षण अवधि घटाई

पहाड़ का सच देहरादून।
धामी कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में बदरीनाथ , पशुपालन व सहकारिता विभाग के बाबत अहम फैसले लिए गए।
कैबिनेट द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
. सहकारिता विभाग में उप निबंधक ऑडिट के 1 निसंवर्गीय पद को कैबिनेट ने दी मंजूरी।
सहकारिता विभाग में उप निबंधक ऑडिट लेवल 11 के पद को 5 साल के लिए सृजन किया गया है। जिसे कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दी है। यह एक निसंवर्गीय पद है।
. बद्रीनाथ धाम में स्थित आईएसबीटी वॉल्स पर में मास्टर प्लान के अंतर्गत में म्यूरल आर्ट वर्क किया जाएगा।
. पशुपालन विभाग की योजना जिसमें अनुसूचित जाति/जनजाति के लाभार्थियों को पशुपालन के लिए 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है, और डेयरी विकास की गंगा गाय योजना के विलय को कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान की है।
अब इस योजना का लाभ अनुसूचित जाति/जनजाति के लाभार्थियों के साथ सामान्य वर्ग के लोगों को भी दिया जाएगा।
पशुपालन विभाग के अंतर्गत पशुधन प्रसार अधिकारियों के चयन के बाद इन्हें 2 साल तक का प्रशिक्षण दिया जाता है। इस प्रशिक्षण की अवधि को 2 साल से घटाकर 1 वर्ष किए जाने के निर्णय को कैबिनेट ने दी अपनी मंजूरी।
क्या है गंगा गाय योजना
गंगा गाय योजना, उत्तराखंड सरकार द्वारा शुरू की गई एक डेयरी विकास योजना है, जिसका उद्देश्य महिला डेयरी सहकारी समितियों की सदस्यों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत, महिला सदस्यों को 50% अनुदान पर गाय उपलब्ध कराई जाती है, साथ ही स्वच्छ दुग्ध उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए पशुशाला और नांद निर्माण के लिए भी अनुदान दिया जाता है.
योजना का मुख्य विवरण:
उद्देश्य:
महिला डेयरी सहकारी समितियों की सदस्यों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना.
सहायता:
50% अनुदान पर गाय उपलब्ध कराना और पशुशाला/नांद निर्माण के लिए अनुदान.
यूनिट लागत:
52,000 रुपये, जिसमें 27,000 रुपये सरकारी अनुदान, 20,000 रुपये बैंक ऋण और 5,000 रुपये लाभार्थी का अंशदान शामिल है.
The general category will also get the benefit of subsidy of Ganga Cow Scheme
योजना को 2014-15 से 2018-19 तक चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया, जिसमें 366 से 1099 पशु खरीदे गए.
अन्य लाभ:
दुग्ध उत्पादकों को दूध की कीमत के अलावा 4 रुपये प्रति लीटर का अनुदान भी दिया जाता है।
