
– गार्ड था मौजूद, पर उसे नहीं लगी भनक
– मिलीभगत की बात आ रही सामने
पहाड़ का सच, देहरादून।
देहरादून नगर निगम के रिकॉर्ड रूम में सेंधमारी की घटना सामने आई है। रविवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे चार संदिग्ध लोग रिकॉर्ड रूम में दाखिल हुए और संपत्तियों से जुड़े पुराने रिकॉर्ड खंगालकर फरार हो गए। यह पूरी वारदात नगर निगम के पास स्थित वर्कशॉप के सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है, जिसमें आरोपी एक गाड़ी से पहुंचते और छत के रास्ते अंदर दाखिल होते दिखाई दे रहे हैं।
नगर निगम द्वारा पुलिस में मुकदमा दर्ज कराने के बाद जांच शुरू कर दी गई है। सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, चारों आरोपी पहले वर्कशॉप की दीवार फांदकर छत के रास्ते रिकॉर्ड रूम तक पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले वहां की बिजली काटी ताकि सीसीटीवी कैमरे उन्हें रिकॉर्ड न कर सकें। इसके बाद टॉर्च की रोशनी में करीब 35 मिनट तक रजिस्टर खंगाले और फिर उसी रास्ते से फरार हो गए।
नगर निगम के इस रिकॉर्ड रूम में 1937 से लेकर अब तक की संपत्तियों और भूमि संबंधी जानकारी दर्ज है। ऐसे में इस तरह की सेंधमारी प्रशासन के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रयास भूमाफिया की किसी साजिश का हिस्सा हो सकता है, जो बेशकीमती सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे के लिए रिकॉर्ड से छेड़छाड़ कर सकते हैं।
हालांकि कर अनुभाग का दावा है कि उनके पास डिजिटल रिकॉर्ड सुरक्षित हैं, लेकिन भौतिक दस्तावेजों की सुरक्षा को लेकर अब कई सवाल खड़े हो गए हैं। इससे पहले 21 नवंबर 2022 को भी इसी रिकॉर्ड रूम से छह अहम रजिस्टर चोरी हो चुके हैं, जिनमें करीब दो हजार संपत्तियों का रिकॉर्ड था।
नगर निगम क्षेत्र में करीब सौ वार्डों में कई बेशकीमती जमीनें हैं। कुछ माह पहले ही नगर निगम ने 35 स्थानों से अवैध कब्जे हटाए थे। 2018 में निगम से जुड़े 72 गांवों की संपत्तियों को सत्यापन के बाद रिकॉर्ड में शामिल किया जाना है। ऐसे में यह सेंधमारी किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रही है। फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है और वर्कशॉप के कैमरों से मिले फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान की कोशिश जारी है।
