
पहाड़ का सच देहरादून।
शासन को चुस्त दुरुस्त बनाने के लिए की जाने वाली एक कोशिश आज पहले ही पायदान पर लड़खड़ा गई। सचिवालय में बायोमीट्रिक हाजिरी लगाने वाली मशीनों ने आज पहले ही दिन सिस्टम को ” अंगूठा” दिखा दिया।
बताया जा रहा है कि सचिवालय में पुरानी व तकनीकी रूप से कमजोर मशीनें लगी हैं। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने मामले का संज्ञान लिया है।
मुख्य सचिव ने पिछले दिनों आदेश निर्गत किए थे कि सचिवालय में काम करने वाले सभी अधिकारियों(आईएएस, ips, ifs, pcs व सचिवालय संवर्ग) व कर्मचारियों को एक मई 2025 से बायोमीट्रिक हाजिरी लगानी अनिवार्य होगी। आज जब शुरुआत हुई तो सिस्टम ने कुछ ही देर में हाथ खड़े कर दिए। चूंकि मुख्य सचिव के आदेश के बाद आज अधिकारी,कर्मचारी नियत समय में सचिवालय पहुंच गए थे।
जानकारी मिली है कि सचिवालय में जो बायो मीट्रिक मशीनें लगी हैं वो तकनीक रूप से पुरानी हैं उसमें हाजिरी लगाने से पहले आधार नंबर फीड करना पड़ता है। यदि किसी कार्मिक ने आधार कार्ड के 12 डिजिट में कोई नंबर गलती से दूसरा फीड कर दिया तो उसे दोबारा सही नंबर फीड करने के लिए सिस्टम से एग्जिट होना होगा। ऐसे में ये सिस्टम हैंग हो रहा है। शासन को हाईटेक बायोमीट्रिक मशीनें लगानी होंगी। जो सीधे थंब इंप्रेशन या फेस रीडिंग कर कार्मिक की उपस्थिति दर्ज करे। अधिकांश कार्य स्थलों में इसी तरह की बायोमैट्रिक मशीनें लगाई गई हैं। जानकारी मिली है कि मुख्य सचिव ने मामले का संज्ञान किया है।
