
– पीएम मोदी ने उत्तराखंड के चहुंमुखी विकास के वादे के संकल्प को दोहराया
– गैरसैंण से उठी आवाज, मंत्री प्रेम को बर्खास्त करो
– प्रेम उत्तरकाशी व टिहरी के प्रभारी मंत्री, न जौलीग्रांट एयरपोर्ट में दिखे न हर्षिल, क्या आयोजकों ने दूरी बनाई ?
पहाड़ का सच गैरसैंण/चमोली।
उत्तरकाशी के हर्षिल व मुखवा में पीएम नरेंद्र मोदी ने शीतकालीन पर्यटन की शुरुआत कर धामी सरकार को शाबासी दी तो ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में जनाक्रोश के स्वरों में क़ाबीना मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल की बर्खास्तगी की गूंज उठी।
प्रधानमंत्री के हर्षिल आगमन के दौरान ही ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण की धरती पर नारों की आवाज घाटियों में गूंज रही थी। महिला शक्ति हर्षिल-मुखवा में भी थी और गैरसैंण में भी।मोदी के दून आगमन के साथ ही मंत्री प्रेम के बिगड़े बोल के बाद आंदोलित जनता का हुजूम गैरसैंण की ओर बढ़ रहा था। इधर, पीएम मोदी हर्षिल में डबल इंजन सरकार की खूबियां क्रमवार बता रहे थे, उधर, गैरसैंण में उमड़े जनसैलाब ने पहाड़ की आवाज और सम्मान के नारों से पहाड़ियों को गुंजायमान किया।
राज्य आंदोलन के बाद गैरसैंण में पहली बार शार्ट नोटिस लोगों का हुजूम गैरसैंण में इकठ्ठा हो गया। यह हुजूम एक नये व स्वाभिमान-अस्मिता से जुड़े आंदोलन को मानो फिर नए सिरे से जिंदा कर गया। गुरुवार 6 मार्च को हर्षिल से लेकर गैरसैंण में चटख धूप थी। एक तरफ हर्षिल-मुखवा में पीएम मोदी ने शीतकालीन पर्यटन का शंख बजाया तो दूसरी तरफ गैरसैंण में जनता आक्रोश की रणभेरी बज रही थी।रैली स्थल पर बड़ी संख्या में आंदोलनकारी मौजूद थे।
उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने भी 6 मार्च को गैरसैंण कूच का आह्वान कर आंदोलन को ऑक्सीजन दी।
गैरसैंण में कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट ने सदन में प्रेमचन्द के साथ हुई झड़प को याद करते हुए अपशब्दों पर खुलकर प्रहार किए। उक्रांद नेता व पूर्व विधायक पुष्पेश त्रिपाठी ने भी प्रहार किए। लोगों ने रामलीला मैदान से तहसील कार्यालय तक रैली निकाली और प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ नारेबाजी की। तहसील में ज्ञापन देने के बाद वापस लौटते हुए गैरसैंण तिराहे पर मंत्री का पुतला दहन किया और जमकर नारेबाजी की।
मूल निवास और भू कानून संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी, लुशुन टोडरिया ने कहा कि पहाडिय़ों को सदन में अपशब्द कहे गए। स्वाभिमान की लड़ाई को अंत तक लड़ेंगे। उन्होंने सत्ता पक्ष के विधायको की चुप्पी पर भी नाराजगी जताई गई। बहरहाल, गैरसैंण में मंत्री प्रेम के बिगड़े बोल के खिलाफ उमड़े जनसमूह का आक्रोश देख भाजपा के अंदर हलचल का माहौल है। जल्द ही धामी कैबिनेट में फेरबदल नहीं हुआ तो भाजपा की दिक्कतें बढ़नी तय है।
समाज के हर वर्ग का समर्थन
रैली में मौजूद विभिन्न सामाजिक संगठनों के नेताओं ने भी मंत्री के खिलाफ आवाज उठाई। द्वाराहाट के विधायक मदन बिष्ट ने कहा कि जब मंत्री विधानसभा में पहाडिय़ों को गाली दे रहे थे, मैंने सबसे पहले विरोध किया था। अब यह लड़ाई आखिरी निर्णय तक सड़कों पर लड़ी जाएगी। रैली के संयोजक सुरेश बिष्ट ने कहा, अगर मंत्री की बर्खास्तगी नहीं होती तो विरोध तेज किया जाएगा।
रैली को मिला महिलाओं का समर्थन
गैरसैंण क्षेत्र की महिला मंगल दलों ने भी रैली में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। भराडीसैंण, फरकंडे, पंचाली, रोहिडा, कुनीगाड माईथान, मेहलचोरी और घुनारघाट क्षेत्र की सैकड़ों महिलाएं बैनरों के साथ रैली में शामिल हुईं।
इसके अलावा, चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी और कुमाऊं के जिलों से भी बड़ी संख्या में आंदोलनकारी रैली में पहुंचे।बेरोजगार संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष राम कंडवाल, प्रमुख चौखुटिया किरन बिष्ट, सयन कोटनाला, राजधानी निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट, जन लोक कल्याण समिति गोचर के अध्यक्ष सुनील पंवार, बार संघ के अध्यक्ष कुंवर सिंह बिष्ट, व्यापार संघ अध्यक्ष गैरसैंण सुरेंद्र बिष्ट, सिमली संघर्ष समिति के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह नेगी मुन्ना, गौरव सेनानी संगठन गोचर के अध्यक्ष वीरपाल नेगी,कर्णप्रयाग व्यापार संघ अध्यक्ष वीरेंद्र मिंगवाल, सुरेश बिष्ट, जसवंत बिष्ट, नारायण सिंह बिष्ट, वीरेंद्र आर्य, रंजीत शाह, दान सिंह नेगी, सुनील पंवार, इंदु पंवार, जगदीश ढौंडियाल, डिग्री कॉलेज अध्यक्ष प्रकाश खत्री, व्यापार संघ जिला चमोली अध्यक्ष ईश्वरी मैखुरी, व्यापार संघ अध्यक्ष मेहलचौरी मोहन नेगी, हरेंद्र कंडारी,राकेश नेगी, राकेश वर्मा, जगदीश ढोंडियाल, विक्रम सिंह रावत, पूर्व सैनिक सेन सिंह नेगी, दयाल सिंह बिष्ट, कैप्टन सुरेंद्र देवली, हीरा सिंह बिष्ट, प्रकाश रावत, सुरेंद्र संगेला, भुवन कठैत, प्रधान गुड्डू नेगी, दीपक किरोला, राकेश बिष्ट, अनिल चौधरी प्रमुख द्वाराहाट, वीरेंद्र बजेठा, नारायण सिंह आदि शामिल रहे।
