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– मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बचाव दल के साहस को किया सलाम
– करीब 11 हजार फीट पर चला माणा मिशन,46 जिंदगी बची, आठ काल कलवित
– राज्य सरकार व बचाव दल के संयुक्त सहयोग से प्रतिकूल मौसम में अभियान चला: सीएम धामी
– मुख्यमंत्री की सक्रियता ने राहत व बचाव दल के बढ़ाए हौसले
पहाड़ का सच बदरीनाथ/देहरादून।
भारत के पहले व सीमांत गांव माणा में हिमस्खलन की चपेट में आए 46 श्रमिकों की जिंदगी बचा ली जबकि भारी कोशिश के बाद भी आठ श्रमिकों की जान चली गई। रविवार की शाम करीब पौने छह बजे लापता आठवें श्रमिक का शव बरामद किया गया। इसी के साथ बर्फीले इलाके में चला राहत व बचाव अभियान रविवार की शाम को पूरा हो गया।
शुक्रवार को बार्डर रोड आर्गेनाईजेशन (बीआरओ ) की रोड निर्माण में जुटे 54 श्रमिक भारी एवलांच आने से बर्फ में दब गए थे। यह बचाव अभियान चमोली जिले के लगभग दस से बारह हजार फीट की ऊंचाई वाले बर्फीले इलाके में किया गया। बदरीनाथ धाम से आगे माणा गांव के आस पास व आगे 7 फ़ीट से ज्यादा बर्फ गिरी हुई है। माणा क्षेत्र में 28 फरवरी को हुए हिमस्खलन में फंसे श्रमिकों के लिए चलाया गया सर्च और रेस्क्यू अभियान पूरा हो चुका है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन में भारतीय सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, पुलिस, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने अदम्य साहस और समर्पण का परिचय दिया। विपरीत परिस्थितियों में सर्च और रेस्क्यू अभियान चलाकर 46 जिंदगियां बचाई गईं। दुर्भाग्यवश 8 लोगों को नहीं बचा पाए। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह लगातार पूरे ऑपरेशन की जानकारी लेते रहे।
मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू अभियान में सेना, आई.टी.बी.पी., बीआरओ., राज्य आपदा प्रबंधन विभाग, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, वायु सेना, यूकाडा, अग्निशमन विभाग, खाद्य विभाग, बीएसएनएल, ऊर्जा, अग्निशमन विभाग द्वारा प्रदान की गई महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए उनके योगदान की सराहना की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल में भर्ती घायल श्रमिकों की चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। सरकार पूरी तरह प्रभावितों के साथ खड़ी है और हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी। मृतक श्रमिकों के पार्थिव शरीर उनके परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।मुख्यमंत्री ने भविष्य में इस तरह के घटनाओं में नुकसान कम से कम हो इसके लिए हिमस्खलनों के निगरानी का तंत्र विकसित करने के निर्देश दिए हैं।
घटनाक्रम
28 फरवरी को समय प्रातः 8ः30 बजे लगभग तहसील- जोशीमठ के अंतर्गत माणा गेट बीआरओ० कैम्प के समीप बीआरओ के मजदूर कार्य कर रहे थे जो हिमस्खलन होने से फंस गये । पूर्व में श्रमिकों की संख्या 55 बताई गई थी। दूरभाष पर संपर्क करने पर ज्ञात हुआ है कि पूर्व से ही एक श्रमिक बिना बताये अपने घर चला गया था। इस प्रकार प्रभावित/फंसे श्रमिकों की कुल वास्तवित संख्या 54 है। .क्षति का विवरण निम्नवत् है:
हिमस्खलन में फंसे कुल मजदूर (सिविलियन) 54
सुरक्षित 46
मृतक श्रमिक 08
जोशीमठ में उपचाराधीन श्रमिक 44
एम्स ऋषिकेश में उपचाराधीन श्रमिक 2
युद्धस्तर पर संचालित किये गये राहत एवं बचाव कार्य
दो मार्च को खोज एवं बचाव दलों द्वारा वृहद स्तर पर रेस्क्यू अभियान संचालित किया गया। इस दौरान 4 श्रमिकों के शव बरामद हुए। 4 श्रमिकों के शव बीते दिवस बरामद हुए थे। इस प्रकार कुल 8 श्रमिकों के शव बरामद किये जा चुके हैं।
बदरीनाथ/माणा से सुरक्षित रेस्क्यू किये गए 46 श्रमिकों में से 44 श्रमिकों को ज्योतिर्मठ स्थित सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी स्थिति सामान्य बतायी गयी है। उनके उपचार की समुचित व्यवस्था की गयी है तथा उनकी जरूरतों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।
2 श्रमिकों का उपचार एम्स ऋषिकेश में किया जा रहा है। एम्स प्रशासन के अनुसार उनकी स्थिति में सुधार हो रहा है। 7 मृतक श्रमिकों का रविवार को पोस्टमार्टम कर उनके पार्थिव शरीर को उनके घर रवाना कर दिया है।
अभियान में प्रयुक्त तकनीक और संसाधन
रेस्क्यू अभियान को गति देने के लिए 2 मार्च को GPR ( Ground Penetrating radar) जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंची, जिसे एमआई-17 हैलीकाप्टर द्वारा घटना स्थल के लिए भेजा गया । एनडीआरएफ द्वारा थर्मल इमेजिंग कैमरा, विक्टिम लोकेटिंग कैमरा, RRSAW ( ROTARY RESCUE SAW), एवलांच रॉड, डॉग स्क्वाड को घटना स्थल पर भेजा गया तथा इनके माध्यम से व्यापक स्तर पर रैस्क्यू अभियान संचालित किया गया। एसडीआरएफ तथा यूएसडीएमए द्वारा थर्मल इमेजिंग कैमरा, विक्टिम लोकेटिंग कैमरा भी मौके पर भेजे गए तथा इनके द्वारा भी लापता श्रमिकों की खोज की गयी।
वायु सेवा का एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर, तीन चीता हेलीकॉप्टर, उत्तराखण्ड सरकार के 2 हेलीकॉप्टर, एम्स ऋषिकेश से एक एयर एंबुलेंस द्वारा राहत एवं बचाव कार्य में सहयोग किया गया।
प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री ने रखी नजर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी पूरे ऑपरेशन पर नजर बनाए रखी। उन्होंने सीएम पुष्कर सिंह धामी से फोन पर सारी जानकारी ली और केंद्र से हर प्रकार की सहायता के प्रति आश्वस्त किया। पीएमओ और गृह मंत्रालय का राज्य सरकार से लगातार समन्वय रहा। . सीएम पुष्कर सिंह धामी खुद गए ग्राउंड जीरो पर, आपदा कंट्रोल रूम से लगातार की मॉनिटरिंग
पूरे सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने लगातार नजर बनाए रखी।मुख्यमंत्री द्वारा इस रेस्क्यू अभियान के दौरान चार बार एसईओसी पहुंचकर खोज एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की गयी। वे ज्योर्तिमठ भी गए और सर्च और रेस्क्यू कार्यों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने पूरे क्षेत्र का हवाई निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री के निर्देशन में आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सभी के साथ समुचित समन्वय किया गया, लगातार राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के माध्यम से नियमित तौर पर पूरे घटनाक्रम की निगरानी की गई तथा सभी विभागों के आपसी समन्वय से युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य किया गया।गंभीर रूप से घायल श्रनिकों के उपचार का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
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