ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 31 जनवरी 2025*
*⛅दिन – शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2081*
*⛅अयन – उत्तरायण*
*⛅ऋतु – शिशिर*
*🌥️अमांत – 18 गते माघ मास प्रविष्टि*
*🌥️राष्ट्रीय तिथि – 10 माघ मास*
*⛅मास – माघ*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – द्वितीया दोपहर 01:59 तक तत्पश्चात तृतीया*
*⛅नक्षत्र – शतभिषा प्रातः 04:14 फरवरी 01 तक, तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद*
*⛅योग – वरियान दोपहर 03:33 तक, तत्पश्चात परिघ*
*⛅राहु काल – प्रातः 11:11 से दोपहर 12:30 तक*
*⛅सूर्योदय – 07:08*
*⛅सूर्यास्त – 05:52*
*⛅दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:37 से 06:28 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:31 से दोपहर 01:15 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:27 फरवरी 01 से रात्रि 01:19 फरवरी 01 तक*
*⛅विशेष – द्वितीया को बृहती (कटहरी, छोटा बैंगन) खाना निषिद्ध है व तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹घर में बरकत व समृद्धि के अचूक उपाय🔹*
*🔸घर की साफ-सफाई सुबह करनी चाहिए । रात को घर में झाडू लगाने से लक्ष्मी की बरकत क्षीण हो जाती है । इसलिए गृहस्थियों को रात्रि को झाड़ू नहीं लगानी चाहिए ।*
*🔸भोजन में से गाय, पक्षियों, जीव-जंतुओं का थोड़ा हिस्सा रखनेवाले के धन-धान्य में बरकत रहती है ।*
*🔸घर से निकलें खा के बाहर मिले पका के कभी यात्रा में जायें या किसीसे मिलने जायें तो भूखे या निराहार होकर नहीं मिलें । कुछ खा-पीकर जायें, तृप्त हो के जायें तो मिलने पर भाव में तृप्ति आयेगी ।*
*🔸कहीं यात्रा में जाने में घर से विदाई के समय थोड़ा-सा दही या मट्ठा लेना गृहस्थियों के लिए शुभ माना जाता है ।*
🔹 *अंत्येष्टि संस्कार क्यों ?*🔹
*🔸देहत्याग के समय क्या करें और क्यों ?🔸*
*🔸व्यक्ति अंतिम श्वास ले रहा होता है तो उस आतुर काल में भूमि को गाय के गोबर से लेपन करके शुद्ध करें और जल-रेखा से मंडल (घेरा) बनायें । फिर उस भूमि पर दक्षिणाग्र कुश (नुकीला अग्रभाग दक्षिण की ओर किये हुए कुश) तथा तिल को बिछा दें ।*
*🔸मरणासन्न व्यक्ति को उस पर उत्तर या पूर्व दिशा की ओर सिर करके सीधा लिटा दें ।*
*🔸सिर पर तुलसी का पत्ता रखें । उस व्यक्ति के मुँह में बीच-बीच में तुलसी दल डला हुआ गंगाजल डालते रहें । ऐसा करने से वह पापमुक्त हो जाता है ।*
*🔸घी का दीपक जला दें । मरणासन्न व्यक्ति के दोनों हाथों में कुशा रखें । ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जप करें ।*
*🔸मरणासन्न व्यक्ति से उसकी सद्गति के लिए तिल, नमक, गाय आदि का दान करा दें । आतुर काल में लवण (नमक) दान करने से जीव की दुर्गति नहीं होती ।