
– निकाय चुनाव : 16,284 कर्मचारी, 25,800 सुरक्षाकर्मी कराएंगे निकायों का मतदान, कंट्रोल रूम तैयार
– 23 जनवरी को होगा मतदान, 25 को होगी मतगणना,इसी दिन नतीजे भी
पहाड़ का सच देहरादून।
उत्तराखंड के सौ स्थानीय निकायों में चुनाव प्रचार का शोर आज शाम पांच बजे थम जाएगा। 11 नगर निगमों में मेयर के 72 प्रत्याशी, नगर पालिका व नगर पंचायतों में अध्यक्ष के 445 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला 23 जनवरी को होगा। बुधवार को प्रत्याशी केवल घर घर प्रचार कर सकेंगे।
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि मतदान से ठीक 48 घंटे पहले 21 जनवरी की शाम पांच बजे से
चुनाव प्रचार का शोर थम जाएगा। इसके बाद प्रत्याशी केवल घर-घर जाकर अपना प्रचार कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि 100 निकायों में 30,29,000 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
उन्होंने बताया की चुनावी प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए 1515 मतदान केंद्र और 3394 मतदेय स्थल बनाए गए हैं। चुनाव के
लिए कार्मिकों का प्रथम चरण का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। द्वितीय चरण का प्रशिक्षण मंगलवार तक पूरा हो जाएगा। 16,284 कार्मिक और 25,800 सुरक्षाकर्मी मतदान में लगाए गए हैं।पोलिंग पार्टियों के आवागमन के लिए 846 हल्के और 572 भारी वाहन लगाए गए हैं। बुधवार को पोलिंग पार्टियां रवाना हो जाएंगी। .चुनाव के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है। किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। प्रदेशभर में 5405 प्रत्याशियों का भाग्य 23 जनवरी को मतपेटियों में कैद हो जाएगा। 11 नगर निगमों में मेयर के लिए 72 प्रत्याशी मैदान में हैं। 89 नगर पालिका व नगर पंचायतों में अध्यक्ष पदों के लिए 445 प्रत्याशी और सभी निकायों में पार्षद, वार्ड सदस्य के पदों के लिए 4888 प्रत्याशी मैदान में हैं।
यामिनी फिर चुनाव से बाहर,कोर्ट ने लगाई रोक
नगर पालिका हरबर्टपुर से अध्यक्ष पद की कांग्रेस प्रत्याशी यामिनी रोहिला एक बार फिर से चुनाव से बाहर हो गई हैं। उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय की डबल बेंच के उनके चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने के निर्णय पर रोक लगा दी है। 28 दिन बाद मामले में अगली सुनवाई होनी है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने डबल बेंच के आदेश को उच्चतम न्यायालय पर चुनौती दी थी। कांग्रेस प्रत्याशी यामिनी रोहिला के जाति प्रमाण पत्र को लेकर आपत्ति दर्ज की गई थी। रिटर्निंग अफसर ने तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर नामांकन को निरस्त कर दिया था।
उसके बाद कांग्रेस प्रत्याशी उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। सात जनवरी को उच्च न्यायालय ने अपील को खारिज कर दिया। उसके बाद यामिनी ने डबल बेंच में अपील की थी। डबल बेंच ने नामांकन निरस्त करने को गलत ठहराते हुए उन्हें चुनाव में भाग लेने के निर्देश दिए थे। डबल बेंच के आदेश को जिला निर्वाचन अधिकारी ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी। सोमवार को न्यायामूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति प्रसन्ना बी वरले ने मामले में सुनवाई करते हुए डबल बेंच के आदेश पर रोक लगा दी।
