– देहरादून व दिल्ली के ठिकानों से नकदी, आभूषण और संपत्ति से जुड़े दस्तावेज बरामद
– निकाय चुनाव से पहले ईडी कार्रवाई का कांग्रेस ने किया विरोध
– जांच के दौरान पड़ोसी की छत से मिला बैग
पहाड़ का सच देहरादून ।
लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी के लगभग 9 महीने बाद मंगलवार को प्रॉपर्टी डीलर व कांग्रेसी नेता राजीव जैन व बिल्डर मानस लुंबा के ठिकानों पर ईडी व आयकर की टीम ने एक साथ छापा मारकर फिर बड़ा धमाका किया।
इस बार ईडी व आयकर की टीम ने पूर्व सीएम हरीश रावत के करीबी रहे व्यवसायी राजीव जैन के ठिकानों की तलाशी ली। इस दौरान सीआईएसएफ के जवान भी मौजूद रहे। दिल्ली से आयी ईडी की टीम ने मंगलवार की सुबह कांग्रेस नेता व प्रॉपर्टी डीलर राजीव जैन और बिल्डर मानस लुंबा के दिल्ली-दून जुयाल मार्ग के विभिन्न ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज अपने कब्जे में लिए।
आयकर विभाग की टीम ने रोचीपुरा स्थित राजीव जैन के घर के अलावा उनके भाई-बहन और रिश्तेदारों के पांच से छह अन्य घरों की भी जांच की। वहीं, अधिकारियों की एक और टीम ने डालनवाला क्षेत्र में मानस लुंबा के आवास और कार्यालय पर भी छापेमारी की।
राजीव जैन और मानस लुंबा के दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में स्थित ठिकानों पर भी जांच की जा रही है। छापेमारी की गोपनीयता बनाए रखने के लिए सीआइएसएफ के हथियारबंद दस्ते का सहारा लिया।इस दौरान बड़ी संख्या में नकदी, आभूषण और संपत्ति से जुड़े दस्तावेज भी कब्जे में लिए गए हैं, हालांकि विभाग ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। आम चर्चा है कि राजीव जैन और मानस लुंबा ने प्रॉपर्टी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश किया हुआ है और उनका कारोबार राज्य के बाहर भी फैला हुआ है।
जांच के दौरान पड़ोसी की छत से मिला बैग
छापेमारी के दौरान जांच दल को राजीव जैन के घर से एक बैग पड़ोसी की छत पर फेंके जाने की घटना सामने आई, जिसका खुलासा सीसीटीवी फुटेज से हुआ। आयकर अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बैग को पड़ोसी की छत से कब्जे में लिया। ईडी टीम ने बैग को छत से बरामद कर महत्वपूर्ण दस्तावेज व आभूषण हासिल किये।
भाजपा सरकार बनते ही सक्रिय राजनीति से बना ली थी दूरी
पूर्व सीएम हरीश रावत के करीबी राजीव जैन ने राज्य में 2017 में भाजपा सरकार बनने के बाद पार्टी कार्यक्रमों और कांग्रेस के बड़े नेताओं से भी दूरी बना ली थी। हरीश रावत से भी राजीव जैन की नजदीकी पहले जैसी नहीं रह गयी थी। हरीश रावत के कार्यक्रमों में भी राजीव जैन नजर नहीं आ रहे थे। कई बार राजीव के गंभीर रूप से अस्वस्थ रहने की चर्चाएं भी आम होती रहीं।
सात साल पहले 2017-18 में पड़ी थी आयकर की रेड
राजीव जैन उत्तराखंड के बड़े प्रॉपर्टी कारोबारी हैं। इससे पहले, वर्ष 2017-18 में भी इनकम टैक्स ने उनके घर पर छापा मारा था।
पीसीसी अध्यक्ष माहरा ने कहा, निकाय चुनाव से पहले होनी ही थी छापेमारी
ईडी की कार्रवाई पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि यह छापेमारी नगर निकाय चुनाव से पहले होनी ही थी। माहरा ने कहा कि राजीव जैन बीते तीन वर्षों से अस्वस्थ होने के कारण पार्टी में सक्रिय नहीं रहे हैं और न ही उन्होंने पार्टी के किसी कार्यक्रम में भाग लिया है। माहरा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार हर चुनाव से पहले किसी न किसी कांग्रेस नेता पर ईडी या सीबीआई की रेड डालकर सुर्खियां बटोरती आ रही है।