पहाड़ का सच,देहरादून।
सौर ऊर्जा विकास अभियान उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) और उत्तराखण्ड नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (उरेडा) के साथ मिलकर संचालित हो रहा है और नॉलेज पार्टनर के रूप में प्रमुख थिंक टैंक काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) इसका समर्थन कर रहा है।
यूपीसीएल के प्रवक्ता के अनुसार इस कार्यक्रम का एक मुख्य आकर्षण मोबाइल सोलर वैन का उद्घाटन था, जो देहरादून और अन्य शहरों में घूमकर रूफटॉप सोलर सिस्टम को दिखाएगी। यह वैन तकनीक और इसके वित्तपोषण (सब्सिडी व बैंक से लोन इत्यादि) से जुड़े उपभोक्ताओं के सवालों के जवाब देने के साथ-साथ सरल आवेदन प्रक्रिया को भी प्रदर्शित करेगी।
सौर समृद्ध उत्तराखण्ड अभियान का लक्ष्य रूफटॉप सोलर से घरों और व्यवसायों को मिलने वाली सुविधा और बचत को दिखाते हुए इसे मुख्य धारा में लाना है। इस अभियान को रेंजर्स ग्राउंड, देहरादून में आयोजित दो दिवसीय सौर कौथिग में जारी किया गया।
आर मीनाक्षी सुंदरम, ऊर्जा सचिव ने अपने स्वागत अभिभाषण में कहा, “सौर ऊर्जा उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों में रूफटॉप सोलर के लिए प्रचुर मात्रा में संभावनाएं उपलब्ध हैं। हमने सौर ऊर्जा नीति में वितरित सौर ऊर्जा को प्राथमिकता दी है। इसके लिए राज्य स्तर पर केंद्र के अतिरिक्त सब्सिडी भी दे रहे हैं और प्रक्रियाओं को भी सरल बनाया है।
उन्होंने कहा कि इस योजना को ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए सौर समृद्ध उत्तराखंड अभियान भी शुरू किया है। हमें आशा है कि जन सहयोग से राज्य स्वच्छ ऊर्जा के अपने लक्ष्य को पाने में सफल हो सकेगा।”कार्यक्रम में धन्यवाद प्रस्ताव अपर सचिव ऊर्जा एवं निदेशक उरेडा श्रीमती रंजना राजगुरु द्वारा दिया गया। कार्यक्रम में प्रबंध निदेशक यूपीसीएल अनिल कुमार, प्रबंध निदेशक यूजेवीएनएल संदीप सिंघल, प्रबंध निदेशक पिटकुल पीसी ध्यानी, मुख्य अभियंता सोलर सेल आशीष अरोड़ा तथा मुख्य परियोजना अधिकारी उरेडा मनोज कुमार सहित तीनों निगमों तथा उरेडा के विभिन्न अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
कार्तिक गणेसन, फेलो एवं डायरेक्टर, सीईईडब्ल्यू, ने कहा, “सौर ऊर्जा हर जगह पर मौजूद है, और यहां तक कि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में भी, जहां कि अत्यधिक बिखरी हुई बसावट की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए सोलर सिस्टम को लगाना व्यावसायिक रूप से उचित है। ‘सौर समृद्ध उत्तराखंड’ जैसी पहलों के माध्यम से, हमारा लक्ष्य रूफटॉप सोलर सिस्टम को अपनाने की प्रक्रिया को सरल बनाकर इसे लगाने की गति बढ़ाने में राज्य की सहायता करना और एक सतत ऊर्जा भविष्य में योगदान करने के साथ नागरिकों को उनका बिजली खर्च घटाकर सशक्त बनाना है।”
इस अभियान की टैगलाइन ‘पीएम-सूर्य घर योजना में रूफटॉप सोलर लगाएं, बिजली बिल में बचत पाएं’ दर्शाती है कि इसमें उपयोगकर्ता अनुकूल प्रक्रियाओं और स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के वितीय लाभों के माध्यम से सौर ऊर्जा को अपनाने की प्रक्रिया को सरल बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उद्घाटन कार्यक्रम में दो प्रमुख विषयों ‘एक्सिलरेटिंग उत्तराखण्ड्स एनर्जी ट्रांजिशनः अनलॉकिंग द पोटेंशियल ऑफ रूफटॉप सोलर फॉर इकोनॉमिक एंड क्लाइमेट रेजिलियंस” और “ग्रीनिंग द रुरल इकोनॉमी यू सोलराइजेशन” पर पैनल डिस्कशन आयोजित किया गया। इन चर्चाओं में सामने आए ऊर्जा क्षेत्र के विशेषज्ञ और नीति-निर्मातॉ अपर सचिव ऊर्जा एवं निदेशक उरेडा श्रीमती रंजना राजगुरु, प्रबंध निदेशक यूपीसीएल अनिल कुमार के विचार सतत आर्थिक विकास के प्रोत्साहन और उत्तराखण्ड की विविध भौगोलिक व ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में सौर ऊर्जा की भूमिका पर केंद्रित रहे।
सौर कौथिग नीति निर्माताओं, सोलर डेवलपर्स, निर्माताओं, डिस्कॉम और वित्तीय संस्थानों को एक साथ लाने का काम किया है, ताकि उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा को अपनाने की संपूर्ण जानकारी मिल सके। इसने रूफटॉप सोलर से मिलने वाले विभिन्न लाभों को रेखांकित किया है, जिसमें इसे लगाने में आसानी, केंद्र व राज्य सरकार की सब्सिडी के साथ-साथ बिजली बिलों पर लंबे समय तक होने वाली बचत शामिल है। इसके अलावा, रूफटॉप सोलर सिस्टम पर म्यूरल आर्ट भी बनाया गया है, ताकि आम लोगों की अक्षय ऊर्जा के बारे में जिज्ञासा को जगाते हुए उन्हें सौर ऊर्जा समाधानों के बारे में गहन खोजबीन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
उद्घाटन कार्यक्रम ने कॉलेज स्टार्टअप पिच प्रतियोगिता और स्कूल चित्रकला प्रतियोगिता समेत प्रतियोगिताओं और वर्कशॉप के माध्यम से युवाओं और स्थानीय समुदायों को जोड़ने का प्रयास किया, ताकि उनमें स्वच्छ ऊर्जा के बारे में गहरी समझ विकसित की जा सके। प्रतियोगिता के विजेताओं को वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में पुरस्कृत किया गया। स्थानीय विरासत और सौर ऊर्जा को अपनाने के पीछे मौजूद सामुदायिक भावना को रेखांकित करते द्वद्या स्थानीय बोक कलाकारों के सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया जो टसरे दिन भी आयोजित कियासौर समृद्ध उत्तराखण्ड अभियान उत्तराखण्ड की सोलर पॉलिसी 2023 के अनुरूप है, जिसका लक्ष्य 2027 2,500 मेगावाट सौर क्षमता पाना है, जिसमें डिस्ट्रिब्यूटेड सोलर सिस्टम से 1,400 मेगावाट क्षमता शामिल है। नीति का लक्ष्य रूफटॉप सोलर को राज्य के ऊर्जा परिवर्तन की आधारशिला बनाना है। सीईईडब्ल्यू के अध्ययन अनुसार, उत्तराखण्ड में आवासीय छतों पर लगभग 1 गीगावाट रूफटॉप सोलर की संभावित क्षमता है, जिसे रूफट सोलर के व्यापक स्वीकरण के माध्यम से जमीन पर उतारना और इन महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को पाने में योगद देना इस अभियान का लक्ष्य है।
रूफटॉप सोलर लगाने के इच्छुक निवासी www.pmsuryaghar.gov.in. [पीएम सूर्यघर डॉट गाँव डॉट इन] आवेदन कर सकते हैं। किसी सवाल या सहायता के लिए, 15555 या 1912 पर कॉल भी कर सकते हैं।