– जनवरी में होंगे निकाय चुनाव, ओबीसी आरक्षण की नियमावली जारी
– स्थानीय निकायों में भी मेयर/अध्यक्ष को बनाया जाए प्रशासक: कांग्रेस
पहाड़ का सच, देहरादून।
उत्तराखंड सरकार ने जिला पंचायत की तरह अब विकास खंड व ग्राम पंचायतों में प्रमुख व ग्राम प्रधान को भी प्रशासक बनाया है। क्षेत्र पंचायत प्रमुख व ग्राम प्रधान के प्रशासक बनाने को लेकर पंचायती राज विभाग के सचिव चंद्रेश कुमार ने आदेश जारी कर दिया है।
यह आदेश हरिद्वार जिले की त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था पर लागू नहीं होगा। त्रिस्तरीय पंचायतों का नवंबर में कार्यकाल खत्म होने पर सरकार ने निवर्तमान 12 जिला पंचायत अध्यक्षों को प्रशासक नियुक्त कर दिया था लेकिन ब्लाक व ग्राम पंचायतों में प्रशासनिक अधिकारियों को प्रशासक बनाये रखा। इस महीने के पहले सप्ताह में हुए इस आदेश के बाद ब्लाक व ग्राम प्रधान संगठन ने सरकार के फैसले पर नाराजगी जताई और सीएम धामी से मिलकर अपना पक्ष रखा।
सरकार ने इस मुद्दे पर शासन की समिति बनाई। समिति की रिपोर्ट के बाद शासन ने पुराने आदेश में संशोधन करते हुए 7476 निवर्तमान ग्राम प्रधान व हरिद्वार के छह विकास खंडों को छोड़कर शेष 89 ब्लाक में प्रमुखों को प्रशासक बनाने का आदेश जारी किया। इस फैसले के बाद ब्लाक प्रमुख व ग्राम प्रधान संगठन ने सीएम का आभार जताया।
उधर, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस इस बात की पक्षधर है कि सभी प्रकार की संस्थाओं में निर्धारित समय पर चुनाव कराए जाएं। धामी सरकार ने पूर्व में सिर्फ जिला पंचायत अध्यक्षों को प्रशासक नियुक्त कर अन्य संस्थाओं के साथ सौतेला व्यवहार किया है। कांग्रेस ने निवर्तमान ब्लॉक प्रमुख व ग्राम प्रधानों को भी प्रशासक नियुक्त करने की पैरवी की थी। उन्होंने सरकार के फैसले को उचित बताते हुए सरकार से मांग की है कि स्थानीय निकायों में भी निवर्तमान मेयर/अध्यक्षों को प्रशासक नियुक्त किया जाए।
निकाय चुनाव जनवरी में
प्रदेश में स्थानीय निकाय का कार्यकाल दिसंबर 2023 में समाप्त हो गया था। स्थानीय निकायों में प्रशासनिक अधिकारियों को प्रशासक बनाया गया है। गुरुवार को ही शासन ने निकायों में ओबीसी आरक्षण को लेकर नियमावली जारी की है। सम्बंधित जिलों के डीएम आरक्षण की अधिसूचना पर सुझाव व आपत्ति मांगेंगे। इस कवायद के पूरी होने के बाद जनवरी में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी।