– पिछले तीन सालों में लाइन लॉस किया कम, बिजली चोरी के हजारों मामले पकड़े, मुकदमे दर्ज
पहाड़ का सच देहरादून। कुछ व्यक्तियों द्वारा उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन को बदनाम करने के लिए काशीपुर एवं रुड़की क्षेत्र के उद्योगों में विद्युत चोरी के सम्बन्ध में तथ्यहीन एवं भ्रामक आरोप लगाये जा रहे हैं जो पूरी तरह असत्य व निराधार हैं।
ऊर्जा निगम की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि उपाकालि में विगत कई वर्षों से उद्योगो के कनेकश्नों को KCC (Key Consumer Cell) के अन्तर्गत उनकी Billing की जाती है एवं प्रत्येक उद्योग के बिलिंग के डाटा का विशेषण सम्बन्धित अधिशासी अभियन्ता स्तर पर प्रत्येक माह किया जाता है।
निगम में विगत वर्षों में अपने T&D & ATC losses को कम किया है एवं भारत सरकार द्वारा जारी किये गये विभिन्न सर्वेक्षणों में निगम को प्रथम तीन से चार उत्कृष्ठ राज्यों में स्थान दिया गया है। यह सब इसलिए हो पाया कि उपाकालि की कार्यक्षमता दिन व दिन बेहतर हो रही है।
भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं यथा RDSS Scheme की AMISP & Loss Reduction वर्तमान में कार्यशील है एवं इन योजनाओं का मुख्य उदद्देश्य T&D & AT&C losses को कम करना है। इनके कम करने के मानक भारत सरकार द्वारा निर्धारित किये गये हैं।
उपाकालि के स्तर पर पिछले 3 वर्ष के T&D एवं AT&C Losses का क्रमश विवरण निम्न प्रकार से हैं।
2021-2022 में 14.15 व 15.75,
2022-2023 में 14.08 व 15.25,
2023-2024 में 13.89 व 14.64।
इसी प्रकार उधमसिंहनगर एवं हरिद्वार जिलों में भी T&D एवं AT&C losses में कमी आयी है।
उपरोक्त आकडों से परिलक्षित है कि विभिन्न व्यक्तियों द्वारा लगाये गये आरोप सत्य नही है।उधमसिंहनगर एवं हरिद्वार जिले Law & Order की दृष्टि से सवेदनशील है जिस कारण यहां आये दिन विद्युत चोरी को रोकने हेतु की गयी कार्यवाही पर लोगो द्वारा अभद्रता एवं मारपीट कियें जाने के प्रकरण विगत वर्षों में संज्ञान में आये हैं।
उपाकालि स्तर पर विजिलेन्स द्वारा विद्युत चोरी रोकने हेतु विगत 5 वर्षों में की गयी कार्यवाही का विवरण निम्न प्रकार है।
विजिलेन्स द्वारा की गई चैकिगं / एफ०आई०आर० की संख्या साल
2019-2020 में 4539,
साल 2020,21 में 3309,
2021-2022 में 3266,
2022-2023 में 4143,
2023-2024 में 4031
2024-2025 Upto 2517, September 2024
इसके अतिरिक्त उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन के विभिन्न खण्डों द्वारा समय-समय पर सूचना मिलने पर सम्बन्धित खण्डों द्वारा विद्युत चोरी की चैंकिगं करते हुए कार्यवाही की जाती हैं।