पहाड़ का सच, देहरादून।
सोमवार रात को ओएनजीसी चौक पर हुए भयानक हादसे ने लोगों को स्तब्ध कर रख दिया है। जिसने भी इसे सुना, देखा वो हैरान रह गया। इस हादसे में छह घरों के चिराग एक साथ बुझ गए। इस हादसे की वजह तेज रफ्तार के साथ आगे निकलने की होड़ को माना जा रहा है।
बताते चलें कि राजधानी देहरादून में तेज रफ्तार के कारण बीते छह महीनों में करीब 16 युवाओं की मौत हो चुकी है। देहरादून में हो रहे ज्यादातर सड़क हादसों का शिकार युवा हो रहे हैं। दून में तेज रफ्तार के कारण हो रहे हादसे ना केवल कार सवारों की जान ले रही है बल्कि दोपहिया वाहन सवार भी इसका शिकार हो रहे हैं। अब तक हुए हादसों की बात करें तो इसमें शिकार हुए ज्यादा युवा थे। ये युवा ऐसे थे जो उच्च शिक्षा ले रहे थे या पढ़ाई के बाद नौकरी के साथ जिंदगी की नई शुरुआत की तैयारी कर रहे थे। इसके साथ ही ये भी देखा गया है कि ये हादसे ऐसे स्थानों पर ज्यादा होते हैं जहां शैक्षणिक संस्थान ज्यादा हैं।
बीते कुछ दिनों में हुए हादसे
– 4 मई की रात को मसूरी से लौट रहे युवाओं की कार झड़ीपानी मार्ग पर हादसे का शिकार हो गई। कार अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी। इस हादसे में पांच छात्र-छात्राओं की मौत हो गई थी जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया।
– 19 मई को कुछ युवा मसूरी से घूमकर वापस आ रहे थे। वापसी में युवा शिखर फॉल चले गए। जहां उनकी कार खाई में गिर गई। इस हादसे में एक युवक और युवती की मौत हो गई थी। जबकि तीन घायल हुए थे।
– 13 सितबंर को मसूरी से घूम कर वापस आ रहे युवाओं की कार मसूरी के पास दून मार्ग पर खाई में गिर गई। इस हादसे में दो युवकों की मौत हो गई जबकि चार घायल हुए।
– 27 सितंबर को आईआईपी मोहकमपुर के पास देर रात अपनी ड्यूटी से वापस लौट रहे निजी फैक्ट्रीकर्मी युवक को तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। इस हादसे में युवक की मौत हो गई।
– 9 सितंबर को एक तेज रफ्तार वाहन ने हरिद्वार हाईवे पर साइकिल से जा रहे व्यक्ति को टक्कर मार दी। इस हादसे में साइकिल सवार की मौत हो गई।
दून में आजकल तेज रफ्तार के साथ ओवरटेक करना बाइक पर बिना हेलमेट पहने तीन – तीन सवारियों को बैठाकर चलाना, रेड लाइट जंप करना युवाओं का शौक बनता जा रहा है, उसमें कई बार खुद तो चोटिल हो ही रहे हैं कई बार दूसरे को भी चोटिल कर रहे हैं। कुछ समय सीपीयू ने थोड़ा बहुत लगाम लगाई थी पर अब सीपीयू भी कहीं नजर नहीं आती है। हादसों पर रोक लगाने को पुलिस को भी थोड़ा सख्त होना पड़ेगा, अन्यथा ऐसे हादसे होते ही रहेंगे।