– सचिव के स्टाफ ने बॉबी के खिलाफ एसएसपी को दी तहरीर
पहाड़ का सच देहरादून। बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष बॉबी पंवार ने बुधवार को सचिव मीनाक्षी सुंदरम के कार्यालय में बवाल काट दिया। तय समय में बॉबी ने सचिव मीनाक्षी से उनके कक्ष में वार्ता की। इस दौरान दोनों के बीच झगड़ा हो गया। गाली गलौज व हाथापाई की नौबत आ गयी। स्टाफ के साथ मारपीट व धक्का मुक्की भी हुई। घटना सांय 6.30 की है।
बवाल होते ही सचिवालय में अफरा तफरी मच गई। सचिव के स्टाफ ने एसएसपी को तहरीर देकर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है। सचिव सुंदरम का कहना है कि बॉबी पंवार किसी टेंडर को लेकर अनावश्यक दबाव बना रहा था। इस मुद्दे पर जब बॉबी से बात करने की कोशिश की गई तो फोन नहीं उठा।
पुलिस में शिकायत
सेवा में, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून।
महोदय,
अवगत कराना है कि आज दिनांकः 06.11.2024 को सांय लगभग 06:25 बजे के आसपास श्री मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव, उत्तराखण्ड शासन के सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन के कार्यालय कक्ष संख्या 201 में श्री बॉबी पंवार नामक व्यक्ति अपने 02 साथियों के साथ मिलने के लिए आया। सचिव महोदय द्वारा जब उक्त व्यक्ति को मिलने के लिए अपने कक्ष में बुलाया गया तो उसके द्वारा सचिव महोदय के समक्ष अत्यन्त दुर्व्यवहार किया गया तथा सचिव महोदय को गाली-गलौच, डराने-धमकाने तथा जान से मारने की धमकी उक्त व्यक्ति द्वारा दी गयी, जिस दौरान सचिव महोदय द्वारा हमें (कपिल कुमार, वरिष्ठ निजी सचिव एवं अनूप डंगवाल, अपर निजी सचिव) बुलाकर उसे बाहर भेजने के निर्देश दिये गये, परन्तु उक्त व्यक्ति ने सचिव महोदय के समक्ष ही हमसे भी धक्का-मुक्की, हाथापाई तथा मारपीट की गयी तथा शासकीय कार्यों में बाधा उत्पन्न की। साथ ही उक्त व्यक्ति द्वारा सचिवालय से बाहर देख लेने की धमकी भी दी गयी, जिससे हमें जान-माल के नुकसान की आशंका है। यदि भविष्य में सचिव महोदय अथवा हमारे साथ कोई अनहोनी होती है तो उसके लिए पूर्ण रूप से बॉबी पंवार नाम का उक्त व्यक्ति उत्तरदायी होगा।
अतः बॉबी पंवार के दुर्व्यवहार तथा जान से मारने की धमकी के दृष्टिगत सचिव महोदय के निर्देशानुसार उक्त व्यक्ति के विरूद्ध तत्काल प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज कराने का कष्ट करें तथा उपरोक्त तथ्यों के दृष्टिगत उसके विरूद्ध उचित एवं कठोर विधिक कार्यवाही कराने का कष्ट करें ताकि भवष्यि में इस व्यक्ति के द्वारा सचिवालय के किसी अन्य अधिकारी/कर्मचारी के साथ भी इस तरह का दुर्व्यवहार न किया जा सके।