– कांग्रेस ने दौड़ में शामिल हरक को नहीं दिया टिकट, भाजपा ने करीबी की पुत्री पर नहीं किया भरोसा
– रुद्रप्रयाग चुनाव प्रचार में पहुंचे हरक ने सीएम धामी व राज्य के सभी बड़े नेताओं पर की टिप्पणी
– कहा, धामी मेरा छोटा भाई, मुझे मिलने के लिए इंतजार करते थे, कॉर्बेट प्रकरण को लेकर सीबीआई व ईडी पर भी कसा तंज, कहा इससे मेरा रुतबा बढ़ा
– ” हुजूर बड़ी देर कर दी तुमने आते-आते मैं तो 6 महीने से इंतजार कर रहा था”
पहाड़ का सच,रुद्रप्रयाग।
राजनीति में सब कुछ चलता है। 2016 में हरीश रावत सरकार का तख्ता पलट करवाने वाले पूर्व मंत्री डॉक्टर हरक सिंह रावत पर कम से कम ये कहावत फिट बैठती है। हरक से आज दीपावली के फटाखों के बीच अपने मुंह से ऐसा फटाखा फोड़ दिया जिसका धमाका सब तरफ सुनाई दे रहा है। कॉर्बेट के मामले में सीबीआई व ईडी का मखौल उड़ाने के अलावा हरक सिंह सीएम धामी पर भी टिपण्णी करने से नहीं चुके। वीडियो में उनका बयान साफ सुनाई दे रहा है।
केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव की प्रचार में जीत के लिए बीजेपी व कांग्रेस ने बड़े पैमाने पर तैयारी की है। भाजपा ने इस चुनाव में पांच कैबिनेट मंत्री लगा रखे हैं जबकि कांग्रेस बद्रीनाथ विधानसभा उप चुनाव की जीत से उत्साह में है। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरक सिंह रावत के एक वीडियो ने सियासी हलकों में गर्माहट ला दी है। उन्होंने दावा किया है की केदारनाथ उपचुनाव में सरकार ने पूरा जोर लगा रखा है लेकिन लोगों का रुझान कांग्रेस की तरफ है और कांग्रेस केदारनाथ उपचुनाव में एक तरफा बड़ी जीत हासिल करेगी।
वहीं प्रवर्तन निदेशालय व सीबीआई की कार्रवाई को लेकर भी हरक सिंह रावत ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा है प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम जब छापामारी के लिए उनके ठिकानों पर पहुंचती है तो उससे पहले ही वह सामान रफा दफा कर देते हैं।
वन विभाग में बड़े पैमाने पर हुए इस घोटाले की जांच के दायरे में आए पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने विस्फोटक बयान देते हुए कहा है कि उत्तराखंड में सबसे पहले सीबीआई जांच उनके खिलाफ हुई। राज्य में कोई भी छापेमारी होती है तो सबसे पहले हरक सिंह रावत का नाम सामने आता है। मैं एक सिपाही का लड़का हूं और एक सिपाही के लड़के ने सीबीआई और ED जैसी बड़ी जांच एजेंसी को हिला कर रख दिया है।
उन्होंने कहा जब जांच एजेंसी वाले तलाशी लेने हमारे घर पर आए, उस वक्त मैंने कहा ” हुजूर बड़ी देर कर दी तुमने आते-आते” मैं तो 6 महीने से इंतजार कर रहा था। उन्होंने कहा सामान तो पहले ही रफा दफा कर दिया, ईडी वालों ने सवाल किया कि समान कहां रखा है तो मैंने कहा ढूंढो तुम्हारा काम है ढूंढना, उन्होंने जांच एजेंसी का माखौल उड़ाते हुए कहा ईडी वालों को ढूंढना चाहिए हम क्यों बताने जाएं।
जांच एजेंसी को लेकर दिए गए बयान के बाद कांग्रेस के सीनियर नेता हरक सिंह रावत ने मीडिया के सामने मुख्यमंत्री धामी को लेकर भी बड़ी बात कह दी। धाकड़ धामी के सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा कि वह मेरा छोटा भाई है उसके बारे में मत पूछो। वह तो मिलने के लिए रात में इंतज़ार करते थे । हरीश भाई को छोड़ दें तो उत्तराखंड में कोई ऐसा नेता नहीं है जो हरक सिंह के दरवाजे पर खड़ा ना रहा हो। उन्होंने कहा मैं 27 साल की उम्र में मंत्री बन गया था।
बहरहाल इस तरह के बयानों के लिए हरक काफी चर्चित रहे हैं।अलग राज्य बनने के बाद हरक सिंह का विवादों से गहरा नाता रहा है। Nd सरकार में जैनी प्रकरण में मंत्री पद जाना, हरीश रावत सरकार का तख्तापलट में शामिल होना व मौजूदा समय में जिम कॉर्बेट पार्क के पाख़रो रेंज में अवैध कटान आदि ऐसे मामले में जिन्होंने हरक सिंह की विश्वनीयता को लगभग हाशिए पर धकेल दिया है।
पूर्व मंत्री के करीबी सूत्रों का कहना है कि हरक सिंह रावत केदारनाथ से न खुद और न अपने गुट के व्यक्ति की टिकट नहीं दिला सके। हरीश रावत व गणेश गोदियाल ने उनके गुट की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। इससे हरक सिंह अंदर काफी आहत हैं। दूसरा, भाजपा के उमीदवार चयन से भी पूर्व मंत्री को मलाल है। केदारनाथ के पूर्व विधायक स्व. श्रीमती शैला रानी रावत की पुत्री ऐश्वर्य रावत भाजपा के टिकट के दावेदारों में शामिल थी और मीडिया के कुछ लोग ये प्रचारित कर रहे थे कि उप चुनाव में भाजपा सिंपैथी वोट हासिल करने के किए विधायक की पुत्री को ही टिकट देगी जैसा दूसरे उप चुनाव में हुआ,लेकिन केदारनाथ के मामले में भाजपा ने ऐसा नहीं किया। हरक सिंह रावत की सीएम धामी से नाराजी की यही वजह बताई जा रही है। चूंकि भाजपा उम्मीदवार पूर्व विधायक आशा नौटियाल को सीएम धामी व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के कहने से टिकट दिया गया है।