ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 31 अक्टूबर 2024*
*⛅दिन – गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2081*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – हेमन्त*
*⛅ अमांत – 15 गते कार्तिक मास प्रविष्टि*
*⛅ राष्ट्रीय तिथि – 8 आश्विन मास*
*⛅मास – कार्तिक*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – चतुर्दशी दोपहर 03:52 तक तत्पश्चात अमावस्या*
*⛅नक्षत्र – चित्रा रात्रि 12:45 नवम्बर 01 तक तत्पश्चात स्वाती*
*⛅योग – विष्कम्भ प्रातः 09:51 तक तत्पश्चात प्रीति*
*⛅राहु काल – दोपहर 01:22 से दोपहर 02:43 तक*
*⛅सूर्योदय – 06:30*
*⛅सूर्यास्त – 05:30*
*⛅दिशा शूल – दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:03 से 05:53 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:00 से दोपहर 12:46 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:58 अक्टूबर 31 से रात्रि 12:49 नवम्बर 01 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण – नरक चतुर्दशी (तैलाभ्यंग स्नान), केदार गौरी व्रत, दीपावली, चोपड़ा पूजा, लक्ष्मी पूजा, शारदा पूजा, काली पूजा, दीपमालिका, कमला जयन्ती*
*⛅विशेष – चतुर्दशी और अमावस्या के दिन स्त्री-सहवास और तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹जोड़ों में दर्द है तो…🔹*
*१] जिन जोड़ों में दर्द है, सुबह उन पर धूप लगे इस प्रकार धूप सेंकें ।*
*२] १०० ग्राम अरंडी के तेल में ७०-८० ग्राम लहसुन की कलियाँ कूट के डाल दें और तेल को गरम करें । कलियाँ जल जायें तो वह तेल उतारकर रख लें । उससे जोड़ों की मालिश करें ।*
*३] गर्म कपड़े पहनें । हल्के गर्म पानी की थैली से सिंकाई करें । सुबह टहलना, व्यायाम करना नियमितरूप से करें ।*
*४] ८० प्रकार के वायुदोष नाशक स्थलबस्ती सुबह खाली पेट नियमित करें ।*
*५] जोड़ों के दर्द में संधिशूलहर औषधि का प्रयोग बहुत लाभदायी है । यह गठिया, मधुमेह, सायटिका व मोटापे में भी लाभकारी है ।*
*६] २ से ४ चुटकी रामबाण बूटी सुबह-शाम खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लें ।*
*७] मालिश तेल को हलका गुनगुना करके उससे दर्द की जगह पर हलके हाथ से मालिश करें ।*
*८] २५० ग्राम मेथीदाना दरदरा (मोटे दानेदार) कूट के रख लें । रात को १ चम्मच भिगो के सुबह ले लें । बड़ी उम्र में कैल्शियम और लौह तत्त्व कम बन पाते हैं । मेथी में दोनों तत्त्व पर्याप्त मात्रा में होते हैं । यह सटीक इलाज है ।