पहाड़ का सच, रामनगर।
IMPCL यानी इंडियन मेडिसिन्स फार्मास्युटिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के दवा फैक्ट्री का निजीकरण का विरोध तेज हो गया है। इस कड़ी में आज फैक्ट्री के कर्मचारियों ने पदयात्रा निकाली. जिसमें कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत भी शामिल हुए।
इस दौरान उन्होंने सरकार पर सरकारी संपत्ति बेचने समेत कई गंभीर आरोप भी लगाए। अल्मोड़ा के मोहान क्षेत्र में केंद्र सरकार का आयुष मंत्रालय की एकमात्र आईएमपीसीएल के नाम से दवा फैक्ट्री है। बताया जा रहा है कि सरकार इस फैक्ट्री का निजीकरण करने जा रही है। जिसके विरोध में कर्मचारियों के साथ ही विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोग आंदोलन पर उतर आए हैं।
इसी कड़ी में कर्मचारियों की मांगों का समर्थन करने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत रामनगर पहुंचे। जहां उन्होंने फैक्ट्री के निजीकरण के विरोध में निकाली जा रही पदयात्रा में कर्मचारी और विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ प्रतिभाग किया। पूर्व सीएम हरीश रावत ने केंद्र और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह फैक्ट्री उनकी शान है। इसकी स्थापना साल 1978 में पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने की थी। इस फैक्ट्री में बनने वाली दवा देश और विदेशों तक भेजी जाती थी। इस फैक्ट्री से रामनगर की भी पहचान थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि कहा कि सरकार इसे एक उद्योगपति को बेचने जा रही है। अगर ऐसा होता है तो फैक्ट्री में काम करने वाले प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे, लेकिन सरकार सरकारी संपत्तियों को पूंजी पतियों को बेचने का काम कर रही है। जिसे सहन नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हर साल सरकार को 18 से 20 करोड़ का फायदा पहुंचाने वाली कंपनी को आखिर बेचने की क्या जरूरत पड़ रही है? सरकार इसका जवाब दें। उन्होंने कहा कि पहले हम चूक गए। जिसके चलते भाजपाइयों ने हल्द्वानी के रानी बाग स्थित एचएमटी फैक्ट्री और ऋषिकेश में स्थित आईडीपीएल फैक्ट्री बेच दी, जो कि हमारी पहचान थी। उन्होंने कहा कि अब किसी भी कीमत पर अब इस फैक्ट्री का निजीकरण नहीं होने दिया जाएगा।