– सत्ता के दबाव में योजनाओं का स्थान व प्रारूप बदल रहा है: कुंजवाल
पहाड़ का सच अल्मोड़ा। पेयजल योजनाओं में हीलाहवाली के विरोध में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुंजवाल 27 सितंबर को मोतियापाथर-भांगादेवली में धरना प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष के दबाव में पेयजल योजनाओं का स्थान व प्रारूप बदला जा रहा है।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने अधिशासी अभियंता जल निगम को लिखे पत्र में आगामी 27 सितंबर को धरने की चेतावनी देते हुए कहा है कि लमगड़ा विकासखंड में दो छोटी पेयजल पंपिंग योजनाएं निर्माणाधीन हैं। इन योजनाओं के निर्माण में हो रही अनियमितताओं को लेकर के समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी मिलने के बाद एक माह पूर्व ही उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए विभाग को कमियां दूर करने के लिए एक महीने का समय दिया था।
उन्होंने कहा कि खेद है कि अभी तक विभाग द्वारा इस संबंध में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है। वे 27 सितम्बर को मोतियापाथर-भांगादेवली में धरना प्रदर्शन करेंगे।इसके बाद भी यदि विभाग द्वारा सन्तोष जनक उत्तर प्राप्त नहीं हुआ तो अगला कार्यक्रम जल निगम कार्यालय के घेराव का ही होगा। कुंजवाल ने निर्माण कार्य में कमियों के उजागर होने के बाद पत्र के माध्यम से कहा कि कपकोट लमगड़ा ग्राम समूह पंपिंग योजना का मूल स्रोत पर जो आईबीएल पंपिंग हाउस बनना था और जिसका पूर्व में सर्वे तक हो चुका था। सत्ता पक्ष के दवाव के कारण ऐसे स्थान पर परिवर्तित कर दिया गया है जहां गर्मियों में पानी नहीं रहता है। ऐसे में किसी भी रूप से लमगड़ा बाजार एवं कपकोट, गोलीमहर, धूरासग्रोली, ध्यूली रौतेला, दुवरौली, जाख तिवारी, गैलाकोट आदि दर्जनों गांव में ठीक से पेयजल की उपलब्धता हो पाना असंभव होगा।
इसका निराकरण विभाग द्वारा किस प्रकार किया जाएगा वह लिखित रूप में जब तक मुझे उपलब्ध नहीं कराया जाएगा तब तक संर्घष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि उन्हें चिंता इस बात की है कि पंपिंग योजना चालू होने के बाद भी लमगड़ा बाजार सहित अन्य कई गांव में अभी तक भी पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है और विभाग अपनी पीठ थपथपा रहा है।जितने भी गांव एवं लमगड़ा बाजार में पानी की आपूर्ति हो रही है या भविष्य में होनी है उसका स्थलीय निरीक्षण कर अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि संबंधित गांवों व बाजार की जनता को ठीक से पानी की आपूर्ति हो सके।
फड़का भांगादेवली मोतियापाथर पंपिंग योजना का निर्माण प्रारंभ हुए लगभग साढ़े तीन साल पूर्ण हो गए हैं तब भी अभी तक क्षेत्रवासियों को पानी नहीं मिल पाया। मेरी चिंता यह है कि इस योजना का निर्माण कार्य ऊपर से जड़ की ओर किया गया है जबकि पंप हाउस के निर्माण के बाद ही पेयजल लाइन का कार्य प्रारम्भ होना चाहिए था और स्टॉक टैंको का निर्माण भी तभी प्रारंभ होना चाहिए था।इतनी छोटी योजना के निर्माण की अवधि लगभग साढ़े तीन वर्ष व्यतीत होने के बाद भी प्रगति संतोषजनक न होने का कारण क्या रहा है विभाग स्पष्ट करें। कई वर्ष बीत जाने के बाद भी जड़ पर आई०बी०एल० पंपिंग हाउस का कार्य प्रारंभ नहीं हो पाने का क्या कारण है स्पष्ट करें।