– किरकिरी के बाद जूना अखाड़े ने सात सदस्यीय जांच कमेटी बनाई
– कुख्यात पीपी को अल्मोड़ा जेल में दी गयी थी धार्मिक दीक्षा
पहाड़ का सच हरिद्वार। अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे को महंत बनाए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। जूना अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री महंत हरि गिरि महाराज ने दो टूक शब्दों में कहा कि पीपी वाले मामले का अखाड़े से कोई लेना देना नहीं है। जूना अखाड़े ने इस मामले में जांच बैठा दी है।
शुक्रवार को अखाड़े के राष्ट्रीय महामंत्री व अंतरराष्ट्रीय संरक्षक महंत हरि गिरि महाराज ने सात सदस्यीय जांच समिति गठित कर मामले की जांच आरंभ कर दी है।उन्होंने कहा कि जिन संतों ने मठाधीश या महामंडलेश्वर बनाने की कार्रवाई की थी उनको भी जांच के दायरे में लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अगर जांच में यह बात साबित होती है कि किसी संत ने पैसा लेकर पीपी को महंत बनाने का कार्य किया तो उसे अखाड़े से बाहर कर दिया जाएगा। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी महाराज इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से बचते दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि यह मामला जूना अखाड़े का अंदरूनी मामला है। उनके संत ही इस बारे में कोई टिप्पणी कर सकते हैं।
दो दिन पहले अल्मोड़ा जेल में बन्द पीपी पांडे को धार्मिक शिक्षा देकर कई मंदिरों का मठाधीश बना दिया। बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर मीडिया को यह जानकारी देकर हलचल मचा दी थी।
पीपी के मामले में डीआईजी (जेल) डीआर भौर्य ने बताया कि जेल में इस तरह की गतिविधि किसकी अनुमति से की गई, इसकी कोई जानकारी नहीं है। मामले में अल्मोड़ा के जेल अधीक्षक जयंत पांगती से जवाब-तलब किया है। जेल अधीक्षक से इस बारे में बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया। इस बीच, जेल में पीपी से मुलाकात करने वालों पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है।