पहाड़ का सच,देहरादून
राजधानी के संयुक्त नागरिक संगठन ने किन्नरों पर अवैध वसूली का आरोप लगाया, साथ ही सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। इसमें विभिन्न समारोह के मौकों पर किन्नरों के लिए बधाई राशि तय करने की मांग की गई।
किन्नरों की मनमानी से त्रस्त, गांव की पंचायत ने लिया ये फैसला
संयुक्त नागरिक संगठन ने कहा कि देहरादून में किन्नरों की ओर से लोगों से अवैध और मनमानी वसूली की जा रही है। कई बार किन्नर ऐसी हरकत करते हैं कि परिवार की महिलाओं को शर्मिदगी उठानी पड़ती है, वहीं घर के पुरषों को भी मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ता है. वहीं उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा पर भी आंच आती हैं. उचित बधाई न मिलने पर कई बार गाली गलोच व मारपीट पर उतर आते हैं. पुलिस से शिकायत करने पर कोई सुनवाई नहीं होती हैं.
उन्होंने सरकार से विवाह के दौरान 1001, पुत्र जन्म पर 2100 रुपये और गृह निर्माण पर 1501 रुपए की राशि किन्नरों के लिए नियत करने की मांग की, साथ ही मांग की गई है कि किन्नरो को पहचान पत्र भी जारी किए जाएं। ताकि कोई अन्य अवांछनीय तत्व बधाई के नाम पर इनकी आड़ में अवैध वसूली न कर सके। साथ ही साथ सरकार से यह मांग भी की गई कि घरों में जाकर अत्यधिक शोर शराबा व मनमानी बधाई न मिलने पर अश्लील हरकतें न करने की सख्त हिदायत दी जाए। अन्यथा नागरिकों के लिए पुलिस सहायता 105 व 1905 प्रदान की जाए। उन्होंने मांग की कि यदि कहीं इनके खिलाफ अभद्रता की शिकायत आती है तो शांतिभंग करने पर पुलिस में प्रार्थीमिकता के आधार पर शिकायत दर्ज की जाय।
ऐसे ही कुछ दिन पहले जनपद रूडकी के मेवड खुर्द के गांव में किन्नरों के आतंक से त्रस्त होकर बैठक कर एक सख्त निर्णय लिया गया था, वहां के ग्राम प्रधान द्वारा बैठक कर निर्णय लिया गया कि जो भी किन्नर गांव में बधाई मांगने आएगा उसको कम से कम 1100 रूपए और ज्यादा से ज्यादा 3100 रूपए की धनराशि दी जाएगी। अगर इससे ज्यादा की धनराशि किन्नर मांगते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी । गांव के बाहर भी इस तरीके का बोर्ड भी लगा दिया गया था.
ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल में संगठन के महामंत्री सुशील त्यागी, जगमोहन मेंदीरत्ता, पूर्व पार्षद मोंटी कोहली, प्रदीप कुकरेती, चोधरी ओमवीर, जीएस जसस्ल, खुशवीर, दिनेश भंडारी, एसपी डिमरी, दीप चंद आदि शामिल थे।