पहाड़ का सच देहरादून। पाखरो रेंज घोटाले के मामले में ईडी ने सोमवार को पूर्व मंत्री कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत से करीब 11 घंटे पूछताछ की। पूर्व मंत्री आज सुबह लगभग साढ़े ईडी ऑफिस पहुंचे , जहां रात साढ़े आठ बजे तक उनसे पूछताछ होती रही। .
उपरोक्त मामले में वर्ष 2022 में विजिलेंस के हल्द्वानी सेक्टर में मुकदमा दर्ज किया गया था। तत्कालीन कुछ अधिकारियों (जिनमें पूर्व डीएफओ किशनचंद भी शामिल थे) को गिरफ्तार भी किया गया था।विजिलेंस ने पिछले साल अगस्त में हरक सिंह रावत और उनके परिचितों के संस्थानों पर छापे मारे थे। बताया गया था कि यहां एक पेट्रोल पंप पर सरकारी जनरेटर बरामद हुआ था। हालांकि, जांच अभी और आगे बढ़ती इससे पहले ही हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई को जांच सौंप दी गई।
विजिलेंस ने इस केस से जुड़े सभी दस्तावेज सीबीआई को सौंप दिए थे। इसी बीच ईडी ने भी इसका संज्ञान ले लिया। फरवरी 2024 में ईडी ने भी हरक सिंह रावत के घर और इससे जुड़े कुछ अधिकारियों के घरों पर छापे मारे थे। हरक सिंह के यहां से कुछ भी बरामद होने की सूचना नहीं थी। जबकि, एक अधिकारी के घर से कैश व अन्य सामान बरामद हुआ था। ईडी ने बारी-बारी से सभी अधिकारियों और नेताओं से पूछताछ की थी। ईडी ने हरक सिंह रावत को फिर से नोटिस भेजकर सोमवार को पेश होने के लिए कहा था, जिसे बाद वह आज फिर ईडी ऑफिस पहुंचे।
कुछ दिन पहले हो हरक सिंह ने दून स्थित सीबीआई कार्यालय में पाखरो टाइगर सफारी मामले से जुड़े अहम दस्तावेज सीबीआई अधिकारियों को सौंपे थे। हरक सिंह ने सीबीआई को बताया कि कार्बेट टाइगर सफारी प्रोजेक्ट पर तत्कालीन सीएम व अधिकारियों की सहमति से से ही निर्माण किया गया।
पाखरो टाइगर सफारी निर्माण में हजारों पेड़ काटे जाने के भी आरोप है। एनजीटी, सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर कई निर्देश जारी किए।
इस बहुचर्चित प्रकरण में डीएफओ किशन चंद व अन्य अधिकारी जेल की सजा काट चुके हैं। जबकि वरिष्ठ आईएफएस कार्बेट के पूर्व निदेशक राहुल को हॉफ कार्यालय सम्बद्ध किया गया था। हाल ही में आईएफएस राहुल को राजा जी नेशनल पार्क का निदेशक बनाने पर मीडिया में विवाद भी हुआ।
इस मसले पर वन मंन्त्री सुबोध उनियाल ने कहा कि सीएम व उनकी सहमति से ही आईएफएस राहुल को पार्क का निदेशक बनाया गया था।कुछ महीने पहले एक अन्य आईएफएस सुशांत पटनायक के घर नगदी मिलने के बाद अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।बहरहाल, ईडी की मैराथन पूछताछ के बाद पूर्व मंत्री से पाखरो टाइगर प्रोजेक्ट को लेकर कई जानकारी जुटाई गई। बीते अप्रैल माह में ईडी ने हरक सिंह समेत उनकी पत्नी व अन्य करीबियों से पूछताछ की थी। ईडी की कार्रवाई के बाद हरक सिंह की करीबी लक्ष्मी राणा व बहु अनुकृति गुसाईं ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। बहु भाजपा में शामिल भी हो गयी थी।
उधर, हरक सिंह भी लोकसभा चुनाव में भूमिगत ही रहे। मंगलौर व बदरीनाथ उपचुनाव में हरक सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार कर भाजपा को खूब कोसा।दोनों सीट पर कांग्रेस विजयी रही। इधर,हरक सिंह केदारनाथ उपचुनाव में दावेदारी कर भाजपा को खुली चुनौती दे रहे थे।नतीजतन, बीते हफ्ते से सीबीआई और ईडी ने चार महीने पुरानी चुप्पी तोड़ते हुए कांग्रेस नेता हरक सिंह से शायद खूब राज उगलवाए होंगे।