ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 02 सितम्बर 2024*
🌤️ *दिन – सोमवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – शरद ॠतु*
🌦️ *अमांत – 18 गते भाद्रपद मास प्रविष्टि*
🌦️ *राष्ट्रीय तिथि – 11श्रावण मास*
🌤️ *मास – भाद्रपद (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार श्रावण)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – अमावस्या पूर्ण रात्रि तक*
🌤️ *नक्षत्र – मघा रात्रि 12:20 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी*
🌤️ *योग – शिव शाम 06:20 तक तत्पश्चात सिद्ध*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 07:33 से सुबह 09:07 तक*
🌤️ *सूर्योदय -05:55*
🌤️ *सूर्यास्त- 18:38*
👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – दर्श अमावस्या,भाद्रपद अमावस्या,पीठोरी-कुशोत्पाटिनी अमावस्या,सोमवती अमावस्या (सूर्योदय से 03 सितम्बर सूर्योदय तक),अमावस्या वृद्धि तिथि*
💥 *विशेष – अमावस्या एवं व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *सोमवती अमावस्याः दरिद्रता निवारण* 🌷
➡️ *02 सितम्बर 2024 सोमवार को सूर्योदय से 03 सितम्बर, सूर्योदय तक सोमवती अमावस्या है।*
🙏🏻 *सोमवती अमावस्या के पर्व में स्नान-दान का बड़ा महत्त्व है।*
😌 *इस दिन भी मौन रहकर स्नान करने से हजार गौदान का फल होता है।*
🌳 *इस दिन पीपल और भगवान विष्णु का पूजन तथा उनकी 108 प्रदक्षिणा करने का विधान है। 108 में से 8 प्रदक्षिणा पीपल के वृक्ष को कच्चा सूत लपेटते हुए की जाती है। प्रदक्षिणा करते समय 108 फल पृथक रखे जाते हैं। बाद में वे भगवान का भजन करने वाले ब्राह्मणों या ब्राह्मणियों में वितरित कर दिये जाते हैं। ऐसा करने से संतान चिरंजीवी होती है।*
🌿 *इस दिन तुलसी की 108 परिक्रमा करने से दरिद्रता मिटती है।*
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🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *समृद्धि बढ़ाने के लिए* 🌷
🌙 *कर्जा हो गया है तो अमावस्या के दूसरे दिन से पूनम तक रोज रात को चन्द्रमा को अर्घ्य दे, समृद्धि बढेगी ।*
🙏🏻 *दीक्षा मे जो मन्त्र मिला है उसका खूब श्रध्दा से जप करना शुरू करें,जो भी समस्या है हल हो जायेगी ।*
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🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *स्कन्दपुराण के प्रभास खंड के अनुसार*
*”अमावास्यां नरो यस्तु परान्नमुपभुञ्जते ।। तस्य मासकृतं पुण्क्मन्नदातुः प्रजायते”*
🍲 *जो व्यक्ति अमावस्या को दूसरे का अन्न खाता है उसका महिने भर का पुण्य उस अन्न के स्वामी/दाता को मिल जाता है।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *खेती के काम में ये सावधानी रहे* 🌷
🚜 *ज़मीन है अपनी… खेती काम करते हैं तो अमावस्या के दिन खेती का काम न करें …. न मजदूर से करवाएं | जप करें भगवत गीता का ७ वां अध्याय अमावस्या को पढ़ें …और उस पाठ का पुण्य अपने पितृ को अर्पण करें … सूर्य को अर्घ्य दें… और प्रार्थना करें ” आज जो मैंने पाठ किया …अमावस्या के दिन उसका पुण्य मेरे घर में जो गुजर गए हैं …उनको उसका पुण्य मिल जाये | ” तो उनका आर्शीवाद हमें मिलेगा और घर में सुख-सम्पति बढ़ेगी |*
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🌞 *~ वैदिक पंचाग ~* 🌞 पंचक
सितंबर में पंचक का समय
पंचांग के अनुसार, पंचक का आरंभ सोमवार, 16 सितंबर के प्रातः के 05 बजकर 45 मिनट पर हो रहा है। जो गुरुवार, 19 सितंबर सुबह को 08 बजकर 05 मिनिट तक रहने वाले हैं। ऐसे में 16 से 19 तक पंचक रहने वाले हैं।
एकादशी
पद्मा एकादशी (भाद्रपद शुक्ल) 14 सितंबर 2024
इंदिरा एकादशी (अश्विन कृष्ण) 28 सितंबर 2024
प्रदोष
15 सितंबर 2024 रविवार, रवि प्रदोष व्रत (शुक्ल)
29 सितंबर 2024 रविवार, रवि प्रदोष व्रत (कृष्ण)
2 सितंबर 2024 ( सोमवार ) – भाद्रपद अमावस्या ( कृष्ण पक्ष)
शुभ मुहूर्त : सितंबर महीने में अमावस्या तिथि की शुरुआत 2 सितंबर को सुबह 5 बजकर 21 मिनट पर होगी और 3 सितंबर को सुबह 7 बजकर 24 मिनट तक रहेगी।