– सरकार गिराने के एक्सपर्ट अब भाजपा में दिखा रहे अपना हुनर : पूर्व सीएम हरीश रावत
उमेश शर्मा भरोसे के लायक नहीं, उन्हें उत्तराखंड से कोई लगाव नहीं: पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत
पहाड़ का सच देहरादून/मसूरी।
धामी सरकार गिराने की साजिश संबंधी बयान के बाद निर्दलीय विधायक उमेश कुमार पर चौतरफा हमला बढ़ता जा रहा है। दो पूर्व मुख्यमंत्रियों हरीश रावत व त्रिवेंद्र रावत ने अपने अपने अंदाज में उमेश कुमार को कटघरे में खड़ा करते हुए स्पीकर की चुप्पी पर भी सवाल खड़ा किया है।
हरीश रावत ने कहा कि सरकार गिराने के एक्सपर्ट भाजपा सरकार को गिराने के हुनर दिखा रहे हैं जबकि त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि उमेश कुमार भरोसे के लायक नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष को उमेश के बयान की हकीकत की जांच करानी चाहिए । त्रिवेंद्र ने जोड़ा कि विधानसभा में बैठे और विधायक चुप क्यों हैं? क्या ये मामला गंभीर नहीं है?
सरकार गिराने के बयान पर हरदा ने चुटकी ली और कहा कि सरकार गिराने के एक्सपर्ट पर बीजेपी में अपना हुनर दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा, कहीं ना कहीं कुछ आग तो लगी है, इसलिए धुंआ निकल रहा है। उमेश कुमार के इस बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए चुटकी ली । उन्होंने कहा विधानसभा में किसी ने यह बात उठाई और पीठ ने चुपचाप सुन लिया। सरकार गिराने की साजिश एक गंभीर मसला है।
उन्होंने कहा मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेकर बयान दिया है कि खुफिया एजेंसीज इस पर काम करेंगी तो इसका स्पष्ट अर्थ है कि कहीं ना कहीं कुछ तो चल रहा है। जिसका आभास मुख्यमंत्री को हो गया है, हो भी क्यों नहीं, उन्होंने कहा जब भाजपा सरकार गिराने के एक्सपर्ट्स को अपनी पार्टी में ले गई है तो आखिर वह कुछ तो अपने हुनर का कमाल दिखाएंगे।सरकार गिराने सम्बन्धी बयान पर स्पीकर को निर्दलीय विधायक से सबूत मांगने चाहिए।
*उमेश कुमार विश्वसनीय नहीं, उत्तराखण्ड के सरोकार से कुछ लेना देना नहीं-त्रिवेंद्र*
सांसद त्रिवेंद्र ने पूर्व सीएम निशंक की तारीफ, कहा, चुप क्यों है 70 विधायक ?
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण विधानसभा सत्र में 500 करोड़ में धामी सरकार गिराने की साजिश सम्बन्धी बयान देने वाले निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को कठघरे में खड़ा करते हुए स्पीकर व सरकार से जरूरी कदम उठाने को भी कहा।
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने इस मुद्दे पर पूर्व सीएम निशंक के बयान का भी स्वागत किया। मसूरी में आहूत प्रेस वार्ता में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में सरकार गिराने सरीखे बयान देकर उत्तराखंड का मखौल उड़ाया है। यह गंभीर मामला है। 70 विधायकों ने चुप्पी क्यों साध ली। इसे लेकर जनता सवाल पूछ रही है। विधानसभा अध्यक्ष को भी को जांच करनी चाहिए।
हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि अच्छा होता कि विधानसभा अध्यक्ष इस बारे में विधायक से साक्ष्य मांगती। इससे प्रदेश के 70 विधायकों की साख पर सवाल उठाया है, इस पर सरकार को भी जवाब देना चाहिए।
रावत ने कहा कि जिस विधायक ने यह सवाल उठाया वह न तो विश्वसनीय है, न ही अनुभवी है। और न ही उन्हें उत्तराखंड के सरोकारों से कोई लेना देना नहीं है। लेकिन विधानसभा में सवाल उठाया गया है जो सदन की कार्रवाई का हिस्सा बना है ऐसे में उनसे प्रमाण लिए जाने चाहिए। उन्होंने उत्तराखंड के विश्वास को खंडित करने का कार्य किया।
पूर्व मुंख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने इंटेलिजेेस पर भी सवाल खड़े किए। और कहा कि खुफियातंत्र क्या कर रहा है। खुफिया तंत्र सरकार के संज्ञान में यह मामला लाया है या नहीं, इसका पटाक्षेप होना चाहिए। रावत ने पूर्व सीएम निशंक की विधायक उमेश कुमार पर की गयी टिप्पणी का पूरी तरह से समर्थन ही नहीं किया बल्कि कहा कि निशंक पिछले 35 वर्षों से संसदीय लोकतंत्र की समझ रखते और उनका विराट अनुभव है।
उन्होंने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि किसी भी विधायक ने न सदन के अंदर न बाहर इसका कोई खंडन नहीं किया। यह संसदीय लोकतंत्र के लिए घातक है।
इस मौके पर भाजपा मसूरी मंडल के अध्यक्ष राकेश रावत, पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल, पूर्व मंडलाध्यक्ष मोहन पेटवाल, विजय रमोला, मदन मोहन शर्मा, राजेंद्र रावत, अरविंद सेमवाल, रजत अग्रवाल,, पुष्पा पडियार, नरेंद्र पडियार,, सतीश ढौडियाल, मीरा सकलानी, अमित पंवार, धर्मपाल पंवार, राजेंद्र रावत आदि मौजूद थे।