– वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने बोर्ड के भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे होने की बात करते हुए सीबीआई जांच की थी मांग
पहाड़ का सच,देहरादून
उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस महामंत्री याकूब सिद्धिकी ने राज्य वक्फ बोर्ड अध्यक्ष के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने अपने बयान में बोर्ड के भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे होने की बात करते हुए सीबीआई जांच की बात की है।
वक्फ संपत्तियों की देश भर में सीबीआई जांच की मांग
याकूब सिद्धिकी ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी वक्फ बोर्ड अध्यक्ष से पूछना चाहती है कि उन्होंने अपने दो वर्ष के कार्यकाल में वक्फ बोर्ड की उन्नति के लिए क्या काम किये हैं, उन्हें यह भी बताना चाहिए कि पिछले दो वर्ष के कार्यकाल में वक्फ बोर्ड की सम्पत्तियों को खुर्दबुर्द करने के जो प्रस्ताव पारित हुए है उसे भी जनता को बतना चाहिए तथा उस पर उन्हें श्वेत पत्र जारी करना चाहिए।
कांग्रेस महामंत्री ने यह भी कहा कि वक्फ बोर्ड अध्यक्ष यह भी भूल गये हैं कि वक्फ बोर्ड एक संवैधानिक संस्था है तथा उसे अधिकार भारत के संविधा द्वारा दिये गये हैं। वक्फ बोर्ड में एक लोकसभा सांसद तथा दो विधानसभा सदस्य बतौर सदस्य होते हैं तथा बोर्ड में अपनी शक्तियां निहित हैं। उन्होंने कहा कि संवैधानिक संस्था के अध्यक्ष जैसे पद पर बैठे व्यक्ति का इस तरह का बयान संवैधानिक संकट खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि यदि मौजूदा बोर्ड अध्यक्ष भ्रष्टाचार की बात कबूलते हैं तो महामहिम राज्यपाल को वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के बयान का स्वतः संज्ञान लेते हुए हस्तक्षेप करना चाहिए तथा बोर्ड को भंग करते हुए स्वयं सीबीआई जांच की शिफारिश करनी चाहिए।
याकूब सिद्धिकी ने यह भी कहा कि भाजपा सरकारों में संवैधानिक संस्थाओं का उपहास उड़ाया जा रहा है तथा इन संस्थाओं के बारे में उलूल-जुलूल बयानबाजी कर उनकी गरिमा को गिराने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार की बात की जा रही है परन्तु अपने कार्यकाल में उन्होंने इस भ्रष्टाचार को रोकने के लिए क्या कदम उठाये हैं उन्हें जनता को बताना चाहिए और यदि वे भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगा सकते हैं तो अपनी इस संविधान विरोधी बयानबाजी के लिए माफी मांगते हुए अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए।