पहाड़ का सच पिथौरागढ़।
पीएम जन मन योजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री जनजाति महा न्याय योजना से उत्तराखंड के जनजाति क्षेत्रों में सौ फीसद अवस्थापना सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इसके लिए नौ विभागों को प्लग किया गया है ,जनजाति विभाग को नोडल एजेंसी बनाया गया है।
उत्तराखंड जनजाति विभाग के अपर निदेशक योगम्बर सिंह रावत ने ” पहाड़ का सच ” से एक भेंट में कहा कि एक सर्वे रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि राज्य में निवास कर रही राजि व बोक्सा जनजाति क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं का अभाव है। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री जन मन योजना के अंतर्गत संचालित प्रधानमंत्री जनजाति महायोजना से जनजाति क्षेत्रों को अवस्थापना सुविधाओं से आच्छादित करने का फैसला लिया है।
इस योजना के तहत राजि व बोकसा जनजाति के लोगों तक 100 फीसद सुविधाएं पहुचानी हैं। ग्राम्य विकास, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, बिजली , स्वास्थ्य , बिजली, पेयजल, शिक्षा, महिला व वाल विकास विभाग शामिल हैं जो जनजाति विभाग की देखरेख में काम करेंगे। अपर निदेशक का कहना है कि राज्य में जनजाति परिवारों के लिए 1480 मकान, छह सड़कें, तीन छात्रावास, स्वास्थ्य सुविधा के लिए 16 मोबाइल वैन , छह कम्युनिटी सेंटर, पानी के कनेक्शन आदि स्वीकृत हुए हैं। पिथौरागढ़ व चंपावत जिले में राजि जनजाति के कई परिवार हैं जबकि उधम सिंह नगर ,हरिद्वार व देहरादून में बोक्सा जनजाति के लोग रह रहे हैं।
राजि जनजाति के विकासखंड( ग्राम सभा/ गांव) .विकास खंड कनालीछीना: औलतड़ी, डांगरी, जमतड़ी, क्यूलेख, कंतोली .विकास खंड डीडीहाट: खेतार, कन्याल, चौरानी, बूटा, मदनपुरी .विकासखंड धारचूला: तोली, दूतीबगड़, किमखोला, गैना गांव, चिपलतटा व भगतिसवा आदि *।
जनजाति के नाबालिगों के संरक्षण के लिए आंदोलन: राजि जनजाति के नाबालिग बच्चों के अधिकारों के संरक्षण के लिए पिछले कई वर्षों से आंदोलनरत एक्टिविस्ट जसवंत सिंह जंगपांगी को बाल संरक्षण आयोग की ओर से पुरस्कार दिया जा चुका है। बकौल, जंगपांगी उन्होंने सजायाफ्ता राजि जनजाति के नाबालिग बच्चों की रिहाई के लिए कड़ा संघर्ष किया और अंत में उन्हें कामयाबी मिली। जंगपांगी अभी भी जनजाति के विकास लिए देहरादून से लेकर दिल्ली तक सत्ता के गलियारों में आवाज उठा रहे हैं। जनजाति के लोगों के विकास के आंदोलन में राष्ट्रीय पंचायत संगठन के अध्यक्ष गंगा सिंह पांगती(बागेश्वर) का भी बड़ा योगदान है।