– सैनिक पुनर्वास संस्था द्वारा राज्य के शहीद सैनिकों के आश्रितों को 10 लाख का अनुदान प्रदान करने के प्रस्ताव पर सहमति
– उत्तराखण्ड में पूर्व सैनिकों की मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को अन्तिम संस्कार के लिए 10000 का अनुदान
– जे सी ओ रैंक तक के पूर्व सैनिक व सैनिक विधवाओं के आश्रितों के लिए छात्रवृति अनुदान की धनराशि में वृद्धि पर सहमति
– उत्तराखण्ड सैनिक पुनर्वास संस्था द्वारा चिकित्सा, इंजीनियरिंग के साथ अब कानून की शिक्षा हेतु भी 50000 की छात्रवृत्ति अनुदान राशि
– नॉन पेंशनभोगी पूर्व सैनिकों/उनकी विधवाओं को आकस्मिकता अनुदान 25000 सालाना
– पैराप्लजिक रिहैविलिटेशन केन्द्रों में उत्तराखण्ड के पूर्ण रूप से दिव्यांग पूर्व सैनिकों को 200000 प्रतिवर्ष की आर्थिक सहायता
पहाड़ का सच देहरादून। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड सैनिक पुनर्वास संस्था की कार्यकारणी समिति की अध्यक्षता करते हुए जे सी ओ रैंक तक के पूर्व सैनिक व सैनिक विधवाओं के आश्रितों के लिए छात्रवृति अनुदान की धनराशि में वृद्धि पर सहमति दी है। मुख्य सचिव श्रीमती रतूड़ी ने 11वीं व 12वीं कक्षा हेतु बालकों के लिए प्रतिवर्ष 6000 रूपये तथा बालिकाओं के लिए 8000 रूपये, सभी स्नातक कक्षाओं हेतु बालकों के लिए 8000 तथा बालिकाओं के लिए 10000 , सभी स्नातकोत्तर कक्षाओं हेतु बालकों के लिए प्रतिवर्ष 10000 तथा बालिकाओं के लिए 12000 , चिकित्सा, इंजीनियरिंग, कानून की शिक्षा हेतु 50000 छात्रवृत्ति अनुदान राशि वृद्धि पर सहमति दी है।
उन्होंने मेधावी छात्र अनुदान के तहत कक्षा 10वीं में 80 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर बालकों को प्रतिवर्ष 30000 व बालिकाओं को 50000 , कक्षा 12वीं में 80 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर बालकों को प्रतिवर्ष 40000 तथा बालिकाओं को 60000, स्नातक में 70 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर बालकों को 50000 प्रतिवर्ष व बालिकाओं को 70000 रुपए प्रदान करने के प्रस्ताव पर सहमति दी है। पूर्व सैनिकों के अनाथ बच्चों तथा सैनिक विधवाओं के बच्चों हेतु छात्रवृत्ति कक्षा 1 से कक्षा 8 तक बालकों के लिए प्रतिवर्ष 12000 रुपए व बालिकाओं के लिए 15000 रुपए करने तथा कक्षा 8 से स्नातकोत्तर तक बालकों को प्रतिवर्ष 20000 रुपए तथा बालिकाओं को 25000 रुपए प्रदान करने पर सहमति प्रदान की गई है।
मुख्य सचिव ने नॉन पेंशनभोगी पूर्व सैनिकों/उनकी विधवाओं को आकस्मिकता अनुदान 25000 प्रतिवर्ष करने, पैराप्लजिक रिहैविलिटेशन केन्द्रों में उत्तराखण्ड के पूर्ण रूप से दिव्यांग पूर्व सैनिकों को 200000 रुपए प्रतिवर्ष की आर्थिक सहायता देने पर भी सहमति दी है। उन्होंने उत्तराखण्ड सैनिक पुनर्वास संस्था द्वारा संचालित भर्ती पूर्व प्रशिक्षण से प्रशिक्षण प्राप्त करने की अनिवार्यता को समाप्त करते हुए प्रदेश के पूर्व सैनिक आश्रितों के सेना, अर्द्धसैनिक बल तथा राज्य पुलिस में चयन होने पर एकमुश्त अनुदान 40000 रुपए करने पर सहमति दी है।
उन्होंने संस्था द्वारा राज्य के शहीद सैनिकों के आश्रितों को 10 लाख का अनुदान प्रदान करने के प्रस्ताव पर सहमति दी है। उत्तराखण्ड में पूर्व सैनिकों की मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को अन्तिम संस्कार हेतु 10000 रुपए का अनुदान दिए जाने के प्रस्ताव पर भी सहमति दी है। पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों को 15 वर्ष में एक बार उनके मकान के रख-रखाव हेतु 100000 रुपए की अनुदान धनराशि प्रदान किए जाने के प्रस्ताव बनाने के भी निर्देश दिए हैं।
बैठक में सचिव दीपेन्द्र चौधरी, उत्तराखण्ड सैनिक पुनर्वास संस्था की कार्यकारणी समिति के सदस्य मे. ज. जी एस रावत (अ. प्रा.) व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।