– एक आम राहगीर को पकड़ लिया, क्या किसी एमसीडी के अफसर को जेल भेजा
– लापरवाह एमसीडी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई ?
– अगली सुनवाई पर एमसीडी कमिश्नर को भी तलब
पहाड़ का सच/एजेंसी
नई दिल्ली. दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में स्थित राऊज आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत पर हाईकोर्ट ने दिल्ली नगर निगम और दिल्ली पुलिस को जमकर फटकार लगाई. इतने सवाल पूछे कि वे जवाब नहीं दे पाए. हाईकोर्ट ने पूछा, हादसे में आपने एक राहगीर को तो पकड़ लिया, लेकिन क्या एमसीडी के किसी अफसर को जेल भेजा ? लापरवाह एमसीडी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई? कोर्ट ने अगली सुनवाई पर एमसीडी कमिश्नर को भी तलब किया है. अदालत उनसे जानना चाहती है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ? हाईकोर्ट छात्रों की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें मांग की गई थी कि पूरे मामले की हाईलेवल जांच कराई जाए.
हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेदेला की पीठ ने कहा, एक ‘अजीब जांच’ चल रही है, जिसमें कोचिंग सेंटर के पास से गुजरने वाले कार चालक के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की गई, लेकिन दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अधिकारियों के खिलाफ नहीं. एमसीडी) के अधिकारियों को लगता है कि हमारे आदेशों का पालन करने की जरूरत नहीं है. दिल्ली पुलिस क्या कर रही है. एमसीडी से एक आदमी गिरफ्तार हुआ. ये सब सिस्टम की मिलीभगत के कारण ही हो रहा है. आपको जिम्मेदारी तो तय करनी ही होगी. कोर्ट ने कहा, आपने जूनियर अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया… लेकिन उन वरिष्ठ अधिकारियों का क्या, जिन्हें उनके काम की निगरानी करनी चाहिए थी? कभी-कभी वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर जाना चाहिए. उन्हें एसी कमरों से बाहर निकलना चाहिए. इस तरह की घटनाएं पूर्ण अराजकता बताती हैं.
सरकारी वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि अधिकारी लगातार इंस्पेक्शन कर रहे हैं. करीब 75 संस्थानों को नोटिस जारी किया गया है और 35 को बंद या सील किया गया है. इस हादसे को जस्टिफाई नहीं किया जा सकता, पर लगातार कार्रवाई जारी है. लेकिन हाईकोर्ट को उनकी दलील पर भरोसा नहीं हुआ. कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा, अगर पुलिस ने सही तरीके से जांच नहीं की तो अदालत मामले को केंद्रीय एजेंसी को सौंप देगी.
सुनवाई की शुरुआत में याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा, हम एक जंगल में रह रहे हैं जहां लोग आग और पानी से मर रहे हैं… दिल्ली में पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती. राऊज आईएएस स्टडी सर्किल अवैध रूप से चल रहा था. दो बार उसके बारे में बताया भी गया, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. आवासीय इलाकों में बेसमेंट में कई लाइब्रेरी चल रही हैं, लेकिन एमसीडी चुप है. मुझे नहीं पता क्यों? कहीं इसलिए तो नहीं, क्योंकि वहां एमसीडी के आयुक्तों की कई प्रॉपटी है. यह कड़वी सच्चाई है.