पहाड़ का सच,टिहरी।
बौराड़ी में दो दिवसीय किताब कौथिग का शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम के संयोजक हेम पन्त और दयाल पांडे ने बताया कि 9 सफल आयोजनों के बाद पहली बार किताब कौथिग गढ़वाल मंडल में हो रहा है जिसमें लगभग 60 प्रकाशकों की 50 हजार किताबें अवलोकन और बिक्री के लिए उपलब्ध हैं।
विज्ञान, विश्व साहित्य, धर्म – आध्यात्म, लोकप्रिय साहित्य सहित विभिन्न विधाओं की उपलब्ध किताबों में लोगों ने बहुत रुचि दिखाई। किताबों के अलावा विज्ञान कोना और उत्तराखंड के कलाकारों के हस्तशिल्प स्टॉल भी आकर्षण का केंद्र बने रहे।नागरिक मंच, व्यापार संघ, मैती मिलन परिवार की समस्त टीम और सभी स्कूलों के विद्यार्थियों ने आम जनता के साथ बड़ी संख्या में प्रतिभाग किया। “खतरे में हिमालय” विषय पर विधायक किशोर उपाध्याय, डॉ. एस. पी. सती और सुरेश नौटियाल ने अपने विचार रखे।
द्वितीय सत्र में “टिहरी का अतीत और वर्तमान” विजय पर थाईकुर भवानी प्रताप पंवार, महिपाल नेगी और चारू तिवारी ने अपनी बात रखी। इसके बाद “हिंदी साहित्य में उत्तराखण्ड के रचनाकारों का योगदान” पर मनोहर चमोली ‘मनु’, डॉ. अंकिता बोरा और डॉ. सुशील कोटनाला ने भाग लिया।
सायंकालीन सत्र में प्रसिद्ध लोकगायक घुघुति जागर टीम, सुरगंगा और स्थानीय कलाकारों ने अपने गीतों पर नाचने के लिए मजबूर कर दिया। किताब कौथिग में दिल्ली, लखनऊ,पंजाब, हल्द्वानी, नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़,रुद्रपुर, श्रीनगर, पौड़ी, हरिद्वार, देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग,चमोली आदि नगरों के साहित्यकार, लेखक,कवि, रचनाकार, रंगकर्मी, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ताओं की सहभागिता से यह आयोजन नयी टिहरी में नवीन कीर्तिमान स्थापित करने में सफल हो रहा है।
इस अवसर पर टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय, सामाजिक कार्यकर्ता विजय जरधारी, पद्मश्रीमती बसंती बिष्ट, पद्मश्री श्रीमती माधुरी बड़थ्वाल और वरिष्ठ पत्रकार चारु तिवारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी एस०पी०सेमवाल, ए० एम० पैन्यूली , पत्रकार चारु दत्त तिवारी, सुरेश नौटियाल,प्रसिद्ध पर्वातारोही लवराज धर्म सक्तू,राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट, प्रकाश पाण्डेय, मदन मोहन चमोली, शांतनु शुक्ला, जय कृष्ण पैन्यूली, देवेन्द् उनियाल,प्रो०एसपी सती,कुमारी मोनिका,श्रीमती यशोदा नेगी, सुशील कोटनाला, दयाल पाण्डेय,पत्रकार व लेखक महीपाल नेगी, श्रीमती गीता गैरोला,श्रीमती उमा भट्ट, प्रवीण भट्ट,श्री दलवीर सिंह रावत, आनंद पैन्यूली आदि उपस्थित थे। हरिद्वार, देहरादून,उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली आदि नगरों के साहित्यकार,लेखक,कवि, रचनाकार, रंगकर्मी, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ताओं की सहभागिता से यह आयोजन नयी टिहरी में नवीन कीर्तिमान स्थापित करने में सफल हो रहा है।
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