पहाड़ का सच हरिद्वार।
हरिद्वार में गुरु पूर्णिमा के मौके पर लाखो की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान कर रहे हैं तो वहीं काफी संख्या में कांवड़िए भी जल भरने पहुंचे हुए हैं। ऐसे में हरिद्वार का एक अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है। ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि आषाढ़ मास की पूर्णमासी को गुरु पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। जिसे महर्षि वेद व्यास के जन्मदिन के उपलक्ष्य में ही मनाई जाती है। उन्होंने बताया कि गुरु का अर्थ अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला व्यक्ति होता है। हमारे जीवन की दिशा दिखाने वाला व्यक्ति गुरु के अलावा कोई नहीं होता है।
ज्योतिषाचार्यों ने बताया कि आज के दिन जो व्यक्ति तीर्थ स्थान पर स्नान आदि कर अपने गुरु या उनकी पादुकाओं की पूजा करता है, साथ ही अपने गुरु को अपने से सामर्थ्य के हिसाब भेंट देता है, उसे आज के दिन गुरु का आशीर्वाद मिलता है। जिससे उसकी जीवन में तरक्की होती है। आज के दिन का विशेष महत्व इसलिए भी हो जाता है, क्योंकि, आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन जो व्यक्ति गंगा स्नान कर लेता है। उसके जीवन में आने वाले किसी भी प्रकार के रोग या शोक गुरु के आशीर्वाद से शांत हो जाते हैं।
गुरु पूर्णिमा के मौके पर देशभर से श्रद्धालु अपने गुरुओं के पास आते हैं और गंगा में स्नान कर उनकी पूजा करते हैं। कहा जाता है कि गुरु पूजन से पहले गंगा स्नान करने से गुरुकृपा के साथ पुण्य की प्राप्ति भी होती है। दुनिया भले ही कितनी बदल गई हो या लोगों के जीने का अंदाज बदल रहा है, लेकिन भारतीय संस्कृति की ऐसी अनूठी मिसाल है। यही वजह है कि गुरु पूर्णिमा पर हरिद्वार के घाट लोगों से पटे नजर आ रहे हैं।