– जिला योजना का आउटले (विभागवार आवंटन) विगत माह किया गया था स्वीकृत
– प्रासंगिकता, जस्टिफिकेशन और फिजिबिलिटी (व्यावहारिकता) को ध्यान में रखते हुए सर्वसम्मति से दी गयी स्वीकृति
पहाड़ का सच,पौड़ी
विकासभवन सभागार में जिला पंचायत अध्यक्ष शांति देवी की अध्यक्षता और मा0 विधायक पौड़ी राजकुमार पोरी की गरीमामयी उपस्थिति में आयोजित जिला योजना की बैठक में जनपद पौड़ी के लिए विभागों द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कार्ययोजना प्रस्तुत की गयी 119.99 करोड़ रूपये (लगभग 120 करोड़) की कार्ययोजना का सर्वसम्मति से अनुमोदन किया गया।
मा0 मुख्यमंत्री ने अपनी अनुपस्थिति में मा0 जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को जनपद की जिला योजना 2024-25 की कार्ययोजना के अनुमोदन की स्वीकृति के निर्देश दिये थे, जिस क्रम में आज जिला पंचायत अध्यक्ष की अध्यक्षता में कार्ययोजना का अनुमोदन किया गया। योजना का आउटले (विभागवार आवंटन) विगत माह की जिला योजना की बैठक में अनुमोदित किया जा चुका था तथा उसी के सापेक्ष सभी विभागों द्वारा आज अपनी-अपनी कार्ययोजना प्रस्तुत की गयी जिसका सभी सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से अनुमोदन किया गया।
बैठक में अनुमोदन के दौरान योजना की प्रासंगिकता, विकेंद्रीकरण, जस्टिफिकेशन और फिजिबिलिटी (व्यावहारिकता) को ध्यान में रखा गया ताकि सभी सैक्टर में और क्षेत्रों में आवश्यकता के अनुसार संतुलित तरिके से विकास कार्य हो सके। योजना में 3 लाख रूपये से कम की योजनाओं को शामिल नहीं किया गया। 15 प्रतिशत धनराशि आजीविका और स्वरोजगार कार्यों के लिए स्वीकृत की गयी। योजनाओं का क्रियान्वयन प्राथमिकता के आधार पर करने का संकल्प लिया गया। योजनाएं ठिक तरह से धरातल पर क्रियान्वित हो तथा समय से पूरी हो सके इसके लिए विवादित कार्य स्थल के प्रस्तावों से बचने की हिदायत दी गयी, साथ ही योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी तरह की डुप्लीकेसी, हेराफेरी और निम्न गुणवत्ता जैसी विसंगतियां ना हो इसके लिए पर्याप्त मॉनिटरिंग, ऑनलाइन प्रोसेस पर जोर, निरीक्षण और तुलनात्मक नजरिये से कार्य करने पर जोर देने की बात कही।
बीरोंखाल क्षेत्र में कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग या लीज पर दी गयी खेतों में बहुत अधिक केमिकल युज करने की शिकायत का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने संबंधित विभाग को मृदा का सैंपल लेने के निर्देश देते हुए कहा कि केमिकल की स्थिति को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। सदस्यों ने जोर दिया कि कृषि घेरबाड़ केवल वहीं मंजूर की जाए जहां वास्तव में खेती होती है- बंजर भूमि के लिए नहीं। पशुपालन विभाग को हिदायत दी गई कि पशुधन वितरण (विशेषकर गाय) में ऐसे पशुओं का वितरण करें जो स्थानिय कंडिशन को आत्मसात कर पाए। साथ ही सभी लोगों से अनुरोध किया गया कि शार्ट सीमेन तकनीक के उपयोग से गाय का गर्भधान कराएं ताकि 90 प्रतिशत बछिया ही पैदा हो सके।
सदस्यों द्वारा जल जीवन मिशन और विद्युत विभाग के अंतर्गत आने वाले ठेकेदारों की कार्यप्रणाली में सुधार लाने की बात कही। उरेड़ा के अंतर्गत लगाई गयी लाइट की सूची संबंधित जनप्रतिनिधियों को देने के निर्देश दिये गये।
जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने कहा कि ऐसे व्यक्ति जिनके फिंगर प्रिंट और आंख की पुतली की अस्पष्टता की वजह से आधार कार्ड नहीं बन पा रहे हैं ऐसे व्यक्तियों के आधार कार्ड संबंधित उपजिलाधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग आपसी समन्वय से प्राथमिकता के आधार पर बनाना सुनिश्चित करेंगे।
पशुचिकित्साधिकारी ने अवगत कराया कि वर्तमान समय में विभाग द्वारा 52 दवाइयों को वितरित करना बंद कर दिया गया है। इसके स्थान पर कारगर दूसरी चुनिंदा दवाइयां ही वितरित की जाती हैं।
बैठक में मा0 विधायक, विभिन्न विकासखंड़ों के ब्लाक प्रमुख और अन्य जिला पंचायत सदस्यों ने भी अपने-अपने बहुमूल्य सुझाव साझा किए।
जिला पंचायत अध्यक्ष ने सभी विभागों को जिला पंचायत के स्थायी और आमंत्रित दोंनों तरह के सदस्यों के विश्वास और उनके संज्ञान में लाते हुए कार्य करने के निर्देश दिए। अंत में जिलाधिकारी ने सभी सदस्यों को आश्वस्त किया कि जिला योजना कि आज की बैठक में प्रस्तुत सभी सुझावों को महत्वपूर्ण मानते हुए योजनाओं और विकास कार्यों के क्रियान्वयन में उनका ध्यान रखा जायेगा। उन्होंने सभी विभागों को इसका अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
बैठक में स्थानीय विधायक राजकुमार पोरी, संयुक्त मजिस्ट्रेट अनामिका, प्रशिक्षु आईएएस दीक्षिका जोशी, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, ब्लाक प्रमुख द्वारीखाल महेंद्र राणा, जयहरीखाल दीपक भंडारी, कोट पूर्णिमा नेगी, पोखड़ा प्रीति देवी, नैनीडांडा प्रशांत कुमार, जिला पंचायत सदस्य गौरव रावत, मुख्य कृषि अधिकारी अमरेंद्र चौधरी, अर्थ एवं संख्याधिकारी राम सलोने, पशुचिकित्साधिकारी डा. देवेंद्र सिंह बिष्ट सहित अन्य सदस्यगण व अधिकारी उपस्थित थे।