पहाड़ का सच, देहरादून
यूपीईएस, एक मल्टीडिसप्लनेरी यूनिवर्सिटी ने हाल ही में टेक्निकल एडवांसमेंट द्वारा संचालित लीगल इंडस्ट्री के भविष्य और आज की उच्च तकनीक वाली दुनिया में वकीलों के लिए उभरते अवसरों पर चर्चा करने के लिए एक सम्मेलन आयोजित किया। इस सम्मेलन में लीडिंग एक्सपर्ट्स, प्रैक्टिशनर्स, एडुकेटर्स और छात्रों ने कानूनी पेशे पर टेक्नोलॉजी के प्रभाव और भावी वकील इस बदलते हुए माहौल में कैसे आगे बढ़ सकते हैं, इस पर चर्चा की।
‘एडाप्ट या पेरिश’ थीम पर आयोजित इस भव्य कार्यक्रम का आयोजन महत्वपूर्ण विषयों पर कलैबरेटिव डायलाग को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ल्ड कैफ़े फॉर्मेट में किया गया था। इस चर्चा में छह प्रमुख विषय शामिल थे: लीगल एजुकेशन का ग्लोबलाइज़ेशन, लीगल एजुकेशन में इनोवेशन के लिए एक कलैबरेटिव इकोसिस्टम को बढ़ावा देना, डिजिटल युग में लीगल इंडस्ट्री और एकेडेमिया के बीच अंतर को कम करना , लीगल एजुकेशन में एआई के उपयोग के एथिकल इश्यूज को संबोधित करना, अगली पीढ़ी के वकीलों का टेक्नोलॉजी के साथ समन्वय और डिजिटल युग के लिए लीगल एजुकेशन को तैयार करना करना।
सभा को संबोधित करते हुए, बॉम्बे बार एसोसिएशन के प्रेजिडेंट, सीनियर एडवोकेट नितिन ठक्कर ने कहा, “आज के युवा कानूनी पेशेवर न केवल टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हैं, बल्कि उसका भरपूर प्रयोग भी करते हैं। नए युग के लीगल टेक्नोलॉजी सोलूशन्स को अपनाने के लिए मानसिकता में महत्वपूर्ण बदलाव की आवश्यकता है। उन्हें टेक्नोलॉजी को केवल एक टूल के रूप में नहीं, बल्कि अपनी शिक्षा और अभ्यास के अभिन्न अंग के रूप में देखना चाहिए। टेक्नोलॉजी का आधुनिकरण वकीलों के लिए एफिशिएंसी बढ़ाने, लागत कम करने और अधिक स्ट्रेटेजिक प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर प्रदान करती है। लीगल एजुकेशन का भविष्य हमारी तकनीक को अपनाने की क्षमता और लॉ स्कूलों की अपने करिकुलम के साथ तैयारी पर निर्भर करता है। मैं इस पहल की अगुवाई करने के लिए यूपीईएस को बधाई देना और प्रशंसा करना चाहता हूँ।”
यूपीईएस स्कूल ऑफ लॉ के डीन डॉ. अभिषेक सिन्हा ने अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “टेक्नोलॉजी के तेजी से विकसित हो रहे परिदृश्य में, हम सभी के लिए, खासकर भावी वकीलों के लिए, अपने वर्कफ़्लो में एआई जैसे उपकरणों को एकीकृत करना अनिवार्य है। जबकि लीगल एजुकेशन अभी भी बहुत हद तक थेओरिटिकल बनी हुई है। हमारी इच्छा अधिक से अधिक प्रैक्टिकल एप्रोच की ओर शिफ्ट होने की है। एआई के बारे में चर्चा के बावजूद, वैश्विक स्तर पर केवल 22% संगठनों ने इसे अपने वर्कफ़्लो में लागू किया है, जिससे एक विशाल क्षमता इसकी पहुँच से दूर रह गई है। आने वाले वर्षों में हमारे क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए लीगल सेक्टर को इन इनोवेशंस को अपनाना चाहिए।”
इन व्यावहारिक चर्चाओं के बाद डॉ. अभिषेक सिन्हा द्वारा संचालित एक पैनल चर्चा हुई। इस कार्यक्रम में खेतान एंड कंपनी, सिरिल अमरचंद मंगलदास, शार्दुल अमरचंद मंगलदास, धीर एंड धीर, किम्बर्ली-क्लार्क कॉर्पोरेशन, रिलायंस इंडिया लिमिटेड, रॉयज़ एंड कंपनी, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, ओएनजीसी, एचएसई ग्रुप, डेलोइट, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, सोनी पिक्चर्स और अन्य जैसी प्रमुख फर्मों के वरिष्ठ लीडर्स शामिल हुए। कार्यक्रम का समापन यूपीईएस स्कूल ऑफ लॉ कॉफी टेबल बुक के विमोचन के साथ हुआ, जिसमें संस्थान की प्रमुख उपलब्धियों और पूर्व छात्रों की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया है।
जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी लगातार आगे बढ़ रही है, लीगल इंडस्ट्री महत्वपूर्ण बदलावों का अनुभव कर रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, ऑटोमेशन और डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे इनोवेटिव लीगल सर्विसेज की डिलीवरी और पहुंच में क्रांति ला रहे हैं। कटाई एज लर्निंग टेक्नोलॉजी के इंटीग्रेशन के माध्यम से, यूपीईएस स्कूल ऑफ लॉ आउटकम-बेस्ड शिक्षा, अडाप्टिबिलिटी और कलैबरेशन पर जोर देता है, जो छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करने वाले शैक्षिक वातावरण को बढ़ावा देता है।