
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

*?वैदिक पंचाग ?*
?️ *दिनांक – 29 जून 2024*
?️ *दिन – शनिवार*
?️ *विक्रम संवत – 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)*
?️ *शक संवत -1946*
?️ *अयन – दक्षिणायन*
?️ *ऋतु – वर्षा ॠतु*
?️ अमांत – 15 गते आषाढ़ मास प्रविष्टि
?️ राष्ट्रीय तिथि – 8 ज्येष्ठ मास
?️ *मास – आषाढ (गुजरात-महाराष्ट्र ज्येष्ठ)*
?️ *पक्ष – कृष्ण*
?️ *तिथि – अष्टमी दोपहर 02:19 तक तत्पश्चात नवमी*
?️ *नक्षत्र – उत्तरभाद्रपद सुबह 08:49 तक तत्पश्चात रेवती*
?️ *योग – शोभन शाम 06:54 तक तत्पश्चात अतिगण्ड*
?️ *राहुकाल – सुबह 08:52 से सुबह 10:36 तक*
? *सूर्योदय- 05:19*
?️ *सूर्यास्त- 19:22*
? *दिशाशूल – पूर्व दिशा में*
? *व्रत पर्व विवरण – पंचक*
? *विशेष – अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
? *ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)*
? *शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)*
? *हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)*
? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *अधिक गर्मी में* ?
? *गर्मी का अहसास होता हो तो सौंफ, धनिया और मिश्री समभाग कूट के रखो और १० ग्राम चबा-चबा के खाते जाओ और बीच में पानी पीते जाओ अथवा खूब घोंट के पानी डाल के ठंडाई बना के पियो, तबियत अच्छी रहेगी ।*
? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *जन्म दिवस पर* ?
?? *जन्म दिवस के अवसर पर महामृत्युंजय मंत्र का जप करते हुए घी, दूध, शहद और दूर्वा घास के मिश्रण की आहुतियाँ डालते हुए हवन करना चाहिए। ऐसा करने से आपके जीवन में कितने भी दुःख कठिनाइयाँ, मुसीबतें हों या आप ग्रहबाधा से पीड़ित हों, उन सभी का प्रभाव शांत हो जायेगा और आपके जीवन में नया उत्साह आने लगेगा। अथवा शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ॐ नमः शिवाय। का 108 बार जप करें।*
? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *अकाल मृत्यु व घर में बार बार मृत्यु होने पर* ?
➡️ *जिसे मौत का भय होता है या घर में मौतें बार-बार होती हों, तो शनिवार को “ॐ नमः शिवाय” का जप करें और पीपल को दोनों हाथों से स्पर्श करें l खाली १०८ बार जप करें तो दीर्घायुष्य का धनी होगा l अकाल मृत्यु व एक्सिडेंट आदि नहीं होगा l आयुष्य पूरी भोगेगा l ऐसा १० शनिवार या २५ शनिवार करें, नहीं तो कम से कम ७ शनिवार तो ज़रूर करें l
