– पुलिस अधिकारी ने कहा, कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन मानकर लेंगे एक्शन
.- कहा,स्थानान्तरण संबंधी आवेदन उचित माध्यम से ही सक्षम अधिकारियों को दें
पहाड़ का सच देहरादून।
पुलिस महकमे में तबादलों व नियुक्ति को लेकर सख्ती बरती गई है। एक आदेश में कहा गया है कि तबादले अथवा नियुक्ति के बाबत तय प्रक्रिया से इतर सीधे मुख्यमंत्री,मंत्री व आलाधिकारियों तक गुहार लगाने की कोशिश को राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली का स्पष्ट उल्लंघन माना गया है। ऐसा करने पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सेवा अभिलेखों में उल्लेख भी किया जाएगा।
पुलिस अधीक्षक, अभिसूचना/सुरक्षा तृप्ति भट्ट ने बुधवार 26 जून को इस बाबत पत्र जारी कर सख्त हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से या अपने परिवार के किसी सदस्य के माध्यम से सरकार अथवा किसी अन्य प्राधिकारी को कोई अभ्यावेदन नहीं करेगा। उन्होंने अपने अधीनस्थ अभिसूचना विभाग की इकाइयों में नियुक्त समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों को कहा है कि वे अपने स्थानान्तरण संबंधी प्रार्थना पत्र उचित माध्यम से ही संबंधित सक्षम अधिकारियों को प्रेषित करना सुनिश्वित करें ।
यदि भविष्य में किसी अधिकारी/कर्मचारी द्वारा बिना उचित माध्यम से अपने प्रार्थना पत्र सीधे मुख्यमंत्री / मंत्रियों एवं उत्तराखण्ड शासन के उच्चाधिकारियों को प्रेषित किये जाते हैं तो उनके विरूद्ध उत्तरांचल राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली 2002 के नियम 24 क के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी एवं इस कृत्य का उल्लेख उनके सेवा अभिलेखों में भी किया जायेगा।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक (क्षेत्रीय) देहरादून/हल्द्वानी, मुख्य सुरक्षाधिकारी, राज्यपाल / मुख्यमंत्री/ विधानसभा/सचिवालय सुरक्षा, उत्तराखण्ड, देहरादून व प्रभारी, उत्तराखण्ड सदन सुरक्षा, नई दिल्ली को सम्बोधित पत्र में इन विशेष निर्देशों का पालन करने की बात कही गयी है।
कुछ दिन पहले ही आईपीएस तृप्ति भट्ट के हस्ताक्षर से अभिसूचना इकाई व अन्य यूनिट के कई कर्मियों का तबादला किया गया था। संभावना है कि तबादला सूची के बाद कर्मियों ने विभिन्न माध्यमों से उच्च स्तर पर तबादला रुकवाने की कोशिश की होगी। शायद इसी के बाद विभाग को यह पत्र जारी करना पड़ा।
देखें पुलिस अधीक्षक, अभिसूचना/सुरक्षा का मूल पत्र
सेवा में,
1. समस्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, उत्तराखण्ड।
2. पुलिस अधीक्षक (क्षेत्रीय) देहरादून/हल्द्वानी।
3. मुख्य सुरक्षाधिकारी, मा० राज्यपाल / मा० मुख्यमंत्री/ विधानसभा/सचिवालय सुरक्षा, उत्तराखण्ड, देहरादून।
4. प्रभारी, उत्तराखण्ड सदन सुरक्षा, नई दिल्ली।
प्रायः देखने में आया है कि अभिसूचना कार्मिकों द्वारा स्थानान्तरण/नियुक्ति के संबंध में बिना उचित माध्यम के सीधे माननीय मुख्यमंत्री जी/माननीय मंत्रियों एवं उत्तराखण्ड शासन के उच्चाधिकारियों को प्रेषित किये जा रहे है। कार्मिकों द्वारा किया उक्त कृत्य उत्तरांचल राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली 2002 के नियम 24 क का स्पष्ट उल्लंघन है।
2- उत्तरांचल राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली 2002 के नियम 24 क में निम्नलिखित उल्लेख किया गया है:-
सरकारी सेवकों द्वारा अभ्यावेदन
कोई सरकारी कर्मचारी सिवाय उचित माध्यम से और ऐसे निर्देशों के अनुसार जिन्हें राज्य सरकार समय-समय पर जारी करे, व्यक्तिगत रूप से या अपने परिवार के किसी सदस्य के माध्यम से सरकार अथवा किसी अन्य प्राधिकारी को कोई अभ्यावेदन नहीं करेगा।
3- उपरोक्त सम्बन्ध में पुलिस मुख्यालय के पत्रांकः डीजी-सात-79 (2) 2010 दिनांक 23.09.2021 एवं डीजी-1-217/2021 (6) दिनांक 01.10.2021 के द्वारा दिशा निर्देश निर्गत किये गये है।
4- उपरोक्त सम्बन्ध में निदेशानुसार अपने अधीनस्थ अभिसूचना विभाग की इकाईयों में नियुक्त समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों को निर्देशित करते हुये कि वे अपने स्थानान्तरण संबंधी प्रार्थना पत्र उचित माध्यम से ही संबंधित सक्षम अधिकारियों को प्रेषित करना सुनिश्वित करें तथा यदि भविष्य में किसी अधिकारी/कर्मचारी द्वारा बिना उचित माध्यम से अपने प्रार्थना पत्र सीधे माननीय मुख्यमंत्री जी/माननीय मंत्रियों एवं उत्तराखण्ड शासन के उच्चाधिकारियों को प्रेषित किये जाते हैं तो उनके विरूद्ध उत्तरांचल राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली 2002 के नियम 24 क के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी एवं इस कृत्य का उल्लेख उनके सेवा अभिलेखों में भी किया जायेगा, के सम्बन्ध में सूचित कराया जाना सुनिश्चित करें।
(तृप्ति भट्ट)
पुलिस अधीक्षक, अभिसूचना/सुरक्षा, उत्तराखण्ड।