ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
*🌞 ~ हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 15 जून 2024*
*⛅दिन – शनिवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2081*
*⛅अयन – उत्तरायण*
*⛅ऋतु – ग्रीष्म*
*🌤️अमांत – 1 गते aashad मास प्रविष्टि*
*🌤️राष्ट्रीय तिथि – 24 वैशाख मास*
*⛅मास – ज्येष्ठ*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – नवमी रात्रि 02:32 जून 16 तक तत्पश्चात दशमी*
*⛅नक्षत्र – उत्तर फाल्गुनी प्रातः 08.14 तक तत्पश्चात हस्त*
*⛅योग- व्यतिपात रात्रि 08:11 तक तत्पश्चात वरीयान*
*⛅राहु काल – प्रातः 08:49 से प्रातः 10:33 तक*
*⛅सूर्योदय – 05:16*
*⛅सूर्यास्त – 07:20*
*⛅दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:30 से 05:12 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:13 से दोपहर 01:07 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:19 जून 16 से रात्रि 01:01 जून 16 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण – महेश नवमी, षडशीति संक्रांति*
*⛅विशेष – नवमी को लौकी खाना गौमाँस के सामान त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹मुलतानी मिट्टी 🔹*
*🔸मुलतानी मिट्टी से स्नान करने पर रोमकूप खुल जाते हैं । इससे रगड़कर स्नान करने पर जो लाभ होते हैं, साबुन से उसके एक प्रतिशत भी लाभ नहीं होते । स्फूर्ति और निरोगता चाहनेवालों को साबुन से बचकर मुलतानी मिट्टी से नहाना चाहिए ।*
*🔸जिसको भी गर्मी हो, पित्त हो, आँखों में जलन होती हो वह मुलतानी मिट्टी का घोल बना के लगाये , थोड़ी देर बैठ जाय, फिर नहाये तो शरीर की गर्मी निकल जायेगी, फायदा होगा ।*
*🔸मुलतानी मिट्टी और आलू का रस मिलाकर चेहरे को लगाओ, चेहरे पर सौदर्य और निखार आयेगा ।*
*🔹शनिवार विशेष🔹*
*🔸ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)*
*🔸शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)*
*🔸हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)*