– पूर्व में लिए गए फैसले हुए फलित, सत्ता प्रतिष्ठान में खींचतान हुई तो धामी को सौंपी कमान
– धामी ने सत्ता संतुलन भी साधा , संगठन को भी तरजीह दी
– दंगा विरोधी, नकल विरोधी व समान नागरिक संहिता कानून लागू कर बने नेशनल हीरो
– सामान्य लोगों के घर द्वार पहुंचकर लोगों से भाईचारे का नाता जोड़ा
पहाड़ का सच देहरादून। सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उत्तराखंड के परिपेक्ष में पूर्व में लिए गए फैसले भाजपा के लिए मौजूदा चुनाव में मुफीद साबित हुए हैं। तमाम अटकलों के बाद भाजपा ने उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर जीत की हैट्रिक लगाकर यह साबित कर दिया है कि राजनीति के अखाड़े में उसे मात देना आसान नहीं है। धामी सरकार द्वारा नकल विरोधी कानून व समान नागरिक संहिता जैसे महत्वपूर्ण कानून लाकर देश में इतिहास रचने का काम किया है।
सीएम धामी द्वारा मोदी के नाम पर बड़े सलीके से विकास कार्यों को आगे बढ़ाने का नतीजा है कि भाजपा राज्य की पांचों लोकसभा सीटों को भारी बहुमत से जीतने में कामयाब हुई।
उत्तराखंड के परिपेक्ष में बात करें तो वर्ष 2020 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में चारों धाम (बद्रीनाथ केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री) के प्रबंधन के लिए देवस्थानम बोर्ड गठन के फैसले से उपजे विवाद में आध्यात्मिक क्षेत्र में आक्रोश पैदा कर दिया था। यह एक ऐसा फैसला था जो अमल में ला दिया गया होता तो इसका असर चारों धाम तथा सीमित नहीं रहता बल्कि धर्मों के प्रति आस्था रखने वाले अनुयायियों को और गंगा के तट पर बसी धर्म नगरियों तक पड़ता। .देवस्थानम बोर्ड के विरोध को सभी ने देखा और उसकी तीव्रता भी महसूस की। राज्य सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का फैसला लेकर तीर्थ पुरोहितों के लेकर संतों तक का विरोध शांत करने का फैसला लिया।
मोदी सरकार द्वारा लिए गए फैसलों का सबसे सुखद पक्ष मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हैं जिन्होंने अपने अब तक के कार्यकाल में नकल विरोधी कानून व समान नागरिक संहिता कानून लागू कर देश में मिशाल कायम की है। इतना ही नहीं धामी अपने अब तक के कार्यकाल में पूरे राज्य में कई बार सघन दौरा कर चुके हैं। सामान्य स्थिति हो अथवा आपदा के समय धामी हर जरूरतमंद के साथ खड़े दिखाई दिए। विकास योजनाओं के अलावा क्षेत्रीय मुद्दों को निस्तारित करने के लिए मुख्यमंत्री धामी की संजीदगी उन्हें हर उत्तराखंडी से जोड़ती है।
भ्रष्टाचार के मामलों में सख्ती और विकास के मुद्दों पर उदारता के भाव में धामी को पिछले 3 सालों में लोगों को पसंदीदा नेता बना दिया। मुद्दों को लेकर विरोधी आलोचना टिका टिप्पणी को छोड़ दें तो धामी के स्वभाव से विरोधी भी प्रभावित हैं ।भाजपा की मौजूदा जीत का असर राज्य में साल 2027 के विधानसभा चुनाव भी पड़ेगा।