– एक साल का कार्य मूल्यांकन संतोषजनक नहीं मिलने पर विवि कार्य परिषद ने लिया हटाने का फैसला
– प्रोफेसर एनएस पंवार को बनाया कार्यवाहक कुलसचिव
पहाड़ का सच श्रीनगर। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि के कुलसचिव डॉ. धीरज शर्मा को उनके पद से हटा दिया गया है। पिछले महीने विवि कार्य परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय पर विवि की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने कुलसचिव के कार्य मुक्त किए जाने के आदेश जारी किया है।
जानकारी है कि डॉक्टर धीरज शर्मा का एक साल का कार्य मूल्यांकन संतोषजनक नहीं पाया गया। गढ़वाल विवि के कुलसचिव डॉ. धीरज शर्मा ने गत वर्ष जून में विवि में ज्वाइन किया था। उनकी नियुक्ति विवि में पांच साल के लिए हुई थी। नियुक्ति पत्र में एक साल के कार्य मूल्यांकन का प्रावधान रखा गया था। कार्य मूल्यांकन संतोष जनक पाए जाने पर ही कार्यकाल को आगे बढ़ाया जाना था। उनका एक साल का कार्यकाल 27 जून को पूरा होना था। कुलसचिव के कार्य के मूल्यांकन का विषय 27 मई को हुई विवि की कार्य परिषद की बैठक में रखा गया था जिसमें कार्य परिषद ने कुलसचिव डॉ. धीरज शर्मा का एक साल का कार्य संतोषजनक नहीं पाया। विवि प्रशासन ने डॉ. धीरज को 30 मई को इसकी जानकारी देते हुए 24 घंटे के अंदर कार्य मुक्त होने के संदर्भ में एक माह का नोटिस देने या तत्काल पद छोड़ने का विकल्प मांगा था।
डॉक्टर शर्मा से कहा गया था कि विकल्प नहीं बताने पर माना जाएगा कि वह एक महीने का वेतन लेकर तुरंत कार्यालय छोड़ने के लिए तैयार हैं। निर्धारित अवधि में जवाब नहीं मिलने पर 31 मई को कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने पत्र जारी कर उन्हें एक माह के वेतन के साथ कार्यमुक्त करने के आदेश जारी कर दिए।
प्रो. एनएस पंवार को बनाया कार्यवाहक
गढ़वाल विवि के स्थायी कुलसचिव डॉ. धीरज शर्मा को शुक्रवार को पद से हटाने के बाद प्रो. एनएस पंवार को विवि का कार्यवाहक कुलसचिव बनाया गया है। उन्होंने शुक्रवार देर सायं कार्यवाहक कुलसचिव का कार्यभार ग्रहण किया। प्रो. पंवार कार्यवाहक के रूप में विवि के वित्त अधिकारी का कार्य भी देख रहे हैं। पूर्व में वह कई बार अस्थायी तौर पर कुलसचिव का कार्यभार संभाल चुके हैं।
विवि की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल का कहना है कि कार्य मूल्यांकन संतोषजनक नहीं पाए जाने पर 27 मई को हुई कार्य परिषद की बैठक में कुलसचिव डॉ. धीरज शर्मा को कार्य मुक्त किए जाने का निर्णय लिया गया था। कार्यकारी परिषद द्वारा पारित प्रस्ताव के अनुपालन में उन्हें कुलसचिव के कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया है।