पहाड़ का सच पिथौरागढ़।
पहाड़ के कई गांवों में सड़क सुविधा नहीं होने के कारण बीमार और गर्भवती महिलाओं का जीवन कभी – कभी खतरे में पड़ जाता है। ऐसे ही एक समाचार जनपद के मुनस्यारी विकासखंड से प्राप्त हुआ है जहां रुईसपाटा गांव निवासी गर्भवती का नदी किनारे ही प्रसव हो गया। महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। इनमें से एक शिशु मृत पैदा हुआ। रुईसपाटा गांव अभी तक सड़क सुविधा से नहीं जुड़ सका है।
मिली जानकारी अनुसार गांव के सिरमोला तोक निवासी कवींद्र सिंह की पत्नी हेमा देवी को बृहस्पतिवार सुबह प्रसव पीड़ा हुई। सड़क नहीं होने के कारण हेमा देवी को अस्पताल पहुंचाने के लिए डोली का इंतजाम किया गया। ग्रामीण उसे डोली में बिठाकर अस्पताल ले जा रहे थे। गांव से लगभग तीन किमी दूर फूली नाले के पास पैदल रास्ते में हेमा देवी को तेज प्रसव पीड़ा होने लगी। इस पर नदी किनारे ही प्रसव कराना पड़ा। आशा कार्यकर्ता पुष्पा देवी और क्वीटी अस्पताल की स्वास्थ्य कार्यकर्ता निर्मला ने हेमा का सुरक्षित प्रसव करवाया। हेमा ने दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। दूसरा बच्चा मृत पैदा हुआ।
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि जगदीश सिंह मेहता ने बताया कि उनके गांव तक सड़क नहीं बन पाई है। तीन किलोमीटर से अधिक की दूरी पैदल ही तय करनी पड़ती है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2009 से सड़क निर्माण की मांग की जा रही है लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। इसके चलते किसी के बीमार पड़ने पर और गर्भवती को इसी तरह से डोली में रखकर सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। इससे कई बार जान पर बन आती है।