पहाड़ का सच देहरादून। उत्तराखंड के जंगलों में लगातार बढ़ रही आग की घटनाओं को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने बड़ा निर्णय लिया है। जिसके तहत जंगलों में लगातार आग लगाने वाले लोगों पर गैंगस्टर एक्ट के साथ ही उनके संपत्ति की जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।
बताते चलें कि प्रदेश में जंगलों में आग लगाने के 13 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें से 6 लोगों की पहचान हुई है। इन 6 लोगों में से चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, बाकी दो लोगों की तलाश की जा रही है। जंगलों में आग लगाने की घटना पर उत्तराखंड सरकार ने सख्त रुख अख्तियार किया है। लिहाजा अब जंगलों में आग लगाने वाले लोगों पर फॉरेस्ट एक्ट और वाइल्डलाइफ एक्ट के साथ ही गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।
गौर हो कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों के साथ बैठक कर वनाग्नि को रोकने के लिए प्लान तैयार करने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में सोमवार को बैठक आयोजित की। बैठक में सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में वनाग्नि को रोकने के लिए की गई कार्रवाई पर चर्चा के साथ ही वनाग्नि के विकराल रूप को रोकने के लिए क्या-क्या कार्रवाई होनी है, उसका भी एक्शन प्लान तैयार किया है। लिहाजा सभी विभाग मिलकर वनाग्नि को रोकने पर काम करेंगे। इसके साथ ही वनाग्नि को रोकने के लिए वन मुख्यालय पर तैनात वरिष्ठ अधिकारियों को जिलों का नोडल अधिकारी नामित किया गया है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि आपदा विभाग में वनाग्नि को रोकने के लिए बजट का प्रावधान किया गया है, जिसे सभी जिलाधिकारी को दे दिया गया है। वनाग्नि को रोकने के लिए जिला अधिकारी, जिला आपदा अधिकारी समेत तमाम संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर वनाग्नि को रोकने का काम कर रहे हैं। युवक मंगल दल, महिला मंगल दल, महिला सहायता समूह, पीएसी, होमगार्ड और पीआरडी समेत जितने भी मानव संसाधन हैं, उनका इस्तेमाल वनाग्नि को रोकने के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही बैठक में निर्णय लिया गया है कि छोटे वॉटर टैंकर भी खरीदे जाएंगे, जिसके जरिए पहाड़ों में आग को बुझाया जाएगा. इसके अलावा बकेट सिस्टम के जरिए श्रीनगर से पानी लेकर आग को बुझाया जाएगा।
अगले एक हफ्ते में वनाग्नि को कंट्रोल कर लिया जाएगा, इस दिशा में प्रयास किया जा रहे हैं। वनाग्नि को रोकने के लिए क्लाउड सीडिंग एक बेहतर विकल्प हो सकता है इस संबंध में राधा रतूड़ी ने कहा कि आईआईटी रुड़की से क्लाउड सीडिंग संबंधित एक प्रस्ताव प्राप्त हुआ है।आईआईटी रुड़की दो जगहों कर्नाटक और महाराष्ट्र में क्लाउड सीडिंग पर एक्सपेरिमेंट कर चुका है। आईआईटी रुड़की से कुछ डिटेल जानकारी मांगी गई है। जिसके सामने आने के बाद उनके साथ मीटिंग की जाएगी, साथ ही मौसम विज्ञान केंद्र के साथ भी क्लाउड सीडिंग पर चर्चा की गई है। बैठक के दौरान प्रदेश के सभी जिलाधिकारी को इस बाबत निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने जिलों में आदेश जारी कर दें कि खेतों में पराली नहीं जलाई जाएगी.
डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि ऐसे क्षेत्र चिन्हित कर लिए गए हैं, जहां सबसे अधिक वनाग्नि की समस्याएं बनी हुई है। उस क्षेत्र में वन विभाग और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम, ऐसे लोगों पर कार्रवाई कर रही है, जो आग लगा रहे हैं। ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने के लिए पुलिस विभाग ने एसओपी बनाई है। जिसके तहत सबसे पहले फॉरेस्ट एक्ट और वाइल्ड लाइफ एक्ट के जरिए उन पर केस दर्ज किया जाएगा. इसके बाद, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने संबंधित एक्ट और हाल ही में बने सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने पर भरपाई संबंधित एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा वनाग्नि की घटना को बार-बार अंजाम देने वाले लोगों पर गैंगस्टर एक्ट लगाने के साथ ही उनकी संपत्ति जब्त की जाएगी।