पहाड़ का सच देहरादून ।
ईएसआई सरकार द्वारा कम वेतनमान प्राप्त करने वाले कर्मचारियों के चिकित्सकीय इलाज के लिए दी जाने वाली सुविधा है। परन्तु ईएसआईसी बंजारावाला डिस्पेंसरी में इन दिनों सुविधा का लाभ लेने में मरीजों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि ईएसआई के नये नियम के अनुसार डिस्पेंसरी में उपलब्ध चिकित्सकों द्वारा किसी पैनल हॉस्पिटल में रैफर करने के लिए सीएमओ, देहरादून से अनुमति प्रदान करना आवश्यक है, और सीएमओ ऑफिस से अनुमति दो या तीन अथवा चार दिनों के बाद प्राप्त हो रही है। जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
ईएसआई में ईलाज करने आ रहे कई लोगों का कहना है कि इससे उन्हें समय पर ईलाज नहीं मिल पा रहा है। एक व्यक्ति के हाथ की हड्डी टूटे होने पर भी उसे तीन दिनों तक टूटे हाथ को लेकर अनुमति पत्र की प्राप्ति के लिए ईएसआई बंजारावाला के चक्कर लगाने पड़े, बावजूद उसे कर्ज लेकर अपना ईलाज कराना पड़ा, परन्तु सीएमओ कार्यालय से परमिशन प्राप्त नहीं हो पाई।
इसी तरह से डिलीवरी केस में, गर्भावस्था में महिलाओं को अनुमति नहीं हो पाने के कारण ईएसआई कार्यालय, बंजारावाला के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। लोगों का कहना है कि डॉक्टर द्वारा रैफर किये जाने के बाद अलग से सीएमओ से परमिशन की प्रक्रिया समझ से परे है, लोगों का यह भी कहना है कि आकस्मिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इस निमय में बदलाव या पूर्ववत होना चाहिए। पूर्व में डिस्पेंसरी के चिकित्सकों द्वारा ही रैफर किया जाता था, सीएमओ से अनुमति की आवश्यकता नहीं होती थी।
इस संदर्भ में कार्यरत चिकित्सकों का कहना है कि आकस्मिक परिस्थितियों को ध्यान में रखा जा रहा है, नये नियम के अनुसार अनुमति अनिवार्य है। इस संदर्भ में लोगों का कहना है कि अनुमति पत्र के लिए पूरे दिन इंतजार करने के बाद भी अनुमति नहीं मिल पा रही है, ईलाज भी नहीं हुआ और दिनभर ईएसआई, बंजारावाला में भटकना पड़ रहा है।