– पुलिस व बचाव दल ने 15 परिवारों को सुरक्षित बाहर निकाला
– अग्निकांड ने आपदा प्रबन्धन की पोल खोली: कांग्रेस
पहाड़ का सच देहरादून। हार्ट ऑफ सिटी से लगे खुडबुडा मौहल्ला में आंगनबाड़ी केन्द्र के समीप सोमवार को लगी आग से दर्जनों मकान जलकर राख हो गए। अग्निकांड में कोई जनहानि नहीं हुई। जबकि कई कच्चे घरों का सामान आग की भेंट चढ़ गया। कोतवाली नगर क्षेत्र के इस इलाके में लगी आग पर पुलिस तथा फायर ब्रिगेड की टीम ने काबू पाया।
अग्निकांड की सूचना मिलने पर वरिष्ठ अधिकारी व पुलिस बल मौके पर पहुंचा।
घटनास्थल के आस-पास की विद्युत आपूर्ति बन्द करवाकर राहत बचाव कार्य शुरू किया गया।अग्निकांड में फंसे करीब 15 परिवारों के लोगों व उनके बच्चों को सुरक्षित बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर भेजा गया। .आसपास निवास करने वाले लोगों को भी सुरक्षित स्थान पर पहुॅचाकर कुछ स्थानीय लोगों की सहायता से घरों में रखे सिलेण्डर व अन्य सामान हटवाए गए। तंग रास्तों से होते हुए फायर सर्विस की गाड़ी भी नजदीक पहुंची। स्थानीय पुलिस, फायर सर्विस व कुछ स्थानीय लोगों की सहायता से करीब डेढ-दो घंटे के बाद भीषण आग पर काबू पाया गया।
पुलिस के अनुसार घटनाक्रम में कोई जनहानि नहीं हुई । अधिकांश परिवारों का घरेलू सामान पूरी तरह जल गया। आग लगने के कारण का अभी पता नही चल पाया है । आग लगने के कारणों की जानकारी की जा रही है।
आपदा प्रबंधन की पोल खुली, देर से पहुँची फायर ब्रिगेड: कांग्रेस
मोदी व धामी सरकार के आपदा प्रबंधन के बड़े बड़े दावों के बावजूद उत्तराखंड राज्य में व राज्य की राजधानी देहरादून में आपदा प्रबंधन की पोल खुल गई है ।
प्रदेश भर में पिछले सालों के मुकाबले वनाग्नि के मामले पांच गुणा होना और दून के कांवली रोड पर छबील बाग में लगी आग को काबू करने के लिए फायर ब्रिगेड का डेढ़ घंटे देर से पहुंचना राज्य की आपदा प्रबंधन मशीनरी के हाल बयां कर रहा है।
सोमवार को उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में धस्माना ने बताया कि अग्निकांड की सूचना मिलते ही उन्होंने जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व सी एम ओ देहरादून को फोन से सूचित किया व स्वयं मौके पर लोगों की सहायता करने पहुंचे । जहां लगभग तीस कच्चे मकान जल कर राख हो गए ।
धस्माना ने बताया कि लोग इस बात से काफी आक्रोशित थे कि अग्निकांड के स्थल पर फायर ब्रिगेड लगभग एक घंटे देर से पहुंची, जब तक सारे मकान जल कर राख हो चुके थे ।
धस्माना ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव के दौरान अपने उत्तराखंड दौरे वाले दिन एक अखबार को दिए साक्षात्कार में दावा किया था कि पिछले दस सालों के उनके प्रधानमंत्रित्व काल में उत्तराखंड में आपदाओं से निपटने का एक बड़ा प्रभावी तंत्र विकसित किया गया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि वो कितना प्रभावी तंत्र है यह उत्तराखंड में इस वर्ष अप्रैल के महीने में ही पता चल गया जब गर्मियां शुरू होते ही पूरे राज्य के जंगल धू धू कर के दहक रहे हैं । उन्होंने कहा कि नैनीताल, अल्मोड़ा, चम्पावत, पिथौरागड़ व पौड़ी में जंगल जल रहे हैं। देहरा दून में आज की आग की घटना व उससे निपटने के लिए आपदा प्रबंधन मशीनरी का रिस्पॉन्स निराशाजनक है।
महानगर के निवर्तमान मेयर भी और टिहरी के सांसद भी भाजपा के हैं और मात्र चंद कदम की दूरी पर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष का घर है लेकिन भाजपा का कोई भी जन प्रतिनिधि मौके पर लोगों की मदद की बात तो दूर पीड़ित परिवारों की सुध तक लेने नहीं पहुंचे। धस्माना ने कहा कि पूरे देहरा दून महानगर में भयंकर पीने के पानी का संकट खड़ा हो रक्खा है। देहरादून के सभी सौ वार्डों में लगभग एक सौ बीस कालोनियों में पेयजल संकट शुरू हो गया है । उन्होंने ऐलान किया कि वे शीघ्र ही सड़कों पर उतरेंगे व लापरवाह अधिकारियों व मंत्रियों का घेराव करेंगे।