– ईडी जांच में फंसी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा भी मोदी को तीसरी बार पीएम देखना चाहती हैं
– अनुकृति, लक्ष्मी व हरक सिंह के मतदान बाद भाजपा में जाने की संभावना
– पूर्व सीएम हरीश रावत ने चुटकी लेते हुए कहा,चुनाव जीतने की भाजपा की यह कोशिश कहीं गले की फांस न बन जाय
पहाड़ का सच,देहरादून।
सीबीआई व ईडी जांच में फंसे पूर्व मंत्री डॉक्टर हरक सिंह रावत के परिजनों व करीबियों का लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रेम जाग रहा है। ईडी जांच में फंसी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष व कांग्रेस नेता हरक सिंह की करीबी लक्ष्मी राणा ने भी मतदान से एक दिन पहले भाजपा सबसे बेहतर पार्टी बताते हुए भाजपा के पांचों लोकसभा उम्मीदवारों को जिताने की अपील की है। एक दिन पहले अनुकृति गुसाई ने भी भाजपा को समर्थन देने की अपील की थी।
लक्ष्मी राणा ने आज 3 मिनट 29 सेकंड का वीडियो जारी भी किया। वीडियो में राणा ने कहा कि कांग्रेस की 24 साल की लंबी सेवा करने के बाद उन्होंने 9 मार्च को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें अब अहसास हुआ कि राष्ट्रहित के लिए मोदी ही सर्वोपरि है। लिहाजा, भाजपा को पांचों लोकसभा में वोट दीजिये। .उन्होंने विशेषकर अनिल बलूनी के समर्थन की भी अपील की। अनिल बलूनी पौड़ी लोकसभा से कांग्रेस के गणेश गोदियाल से मुकाबला कर रहे हैं।
विदित हो कि पाखरो टाइगर निर्माण में अनियमितता सम्बन्धी अन्य मामलों को लेकर ईडी पूर्व मंत्री हरक सिंह, उनकी पत्नी दीप्ति सिंह, बहु अनुकृति गुसाईं से पूछताछ कर चुकी है। ईडी हरक के घर पर छापा मारने के बाद लक्ष्मी राणा के बैंक लाकर से 50 लाख के गहने व अन्य दस्तावेज भी बरामद कर चुकी है।
इस पूछताछ के बाद लक्ष्मी व अनुकृति ने पिछले महीने मार्च में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी। इधर, एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत बीते 2 अप्रैल को मोदी की रुद्रपुर रैली के दिन ईडी ने मेल भेजकर हरक सिंह से पूछताछ की प्रक्रिया स्थगित करने की जानकारी दी थी।
इसी के बाद, यह चर्चा आम हो गई थी कि ईडी अब आगे कदम शायद ही बढ़ाये। और 2 अप्रैल के बाद ईडी ने पूछताछ भी नहीं की।इधर, लक्ष्मी व अनुकृति की भाजपा के पक्ष में अपील के बाद यह भी संकेत मिल रहे हैं कि भाजपा हाईकमान लोकसभा चुनाव के मतदान के बाद हरक व अन्य के लिये दरवाज़े खोल दे। लोकसभा के चुनाव प्रचार में कांग्रेस नेता हरक सिंह किसी भी प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में नहीं निकले। उनका नाम स्टार प्रचारकों की सूची में भी था। कांग्रेस ने उन्हें उड़ीसा चुनाव की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी सौंपी थी।
बहरहाल, उत्तराखण्ड की राजनीति में हर दिन हो रहे इन घटनाक्रम से यह साफ हो गया है कि विभिन्न जांच का सामना करने से डर रहे कुछ नेताओं के पास भाजपा में जाने के सिवाय कोई चारा नहीं बचा। बद्रीनाथ से कांग्रेस विधायक राजेन्द्र भण्डारी भी अपनी पत्नी रजनी भण्डारी के कार्यों की हो रही जांच को बन्द करने के लिए रातों रात भाजपा में शामिल हो गए।
इस मुद्दे पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने एक बयान में कहा कि जांच के नाम पर भाजपा डरा धमका कर नेताओं को अपनी तरफ कर रही है। चुनाव जीतने की उनकी यह कोशिश कहीं भाजपा के गले की फांस न बन जाय।