पहाड़ का सच देहरादून। प्रधानमंत्री मुद्रा लोन के नाम पर लोगों को करोड़ों का चूना लगाने वाले साइबर ठग गिरोह के सरगना को उत्तराखंड की एसटीएफ की टीम ने आखिरकार वृंदावन मथुरा से गिरफ्तार कर लिया है। गिरोह के दो सदस्यों को एसटीएफ पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि अन्य की तलाश जारी है।
एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि बीते दिनों एसटीएफ ने प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के नाम पर प्रेमनगर क्षेत्र में रहकर साइबर ठगी करने वाले दो ठगों को गिरफ्तार किया था। यह गिरोह तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के निवासियों के अलावा देश भर में कई लोगों के साथ लाखों रुपए की ठगी की चुका है। एसएसपी ने बताया कि गिरोह का मुख्य सरगना दीपक राज शर्मा तब से फरार चल रहा था, उसकी तलाश में एसटीएफ जगह-जगह दबिश दे रही थी।
शनिवार को एसटीएफ को सूचना मिली कि दीपक राज वृंदावन मथुरा में छिपा है, जहां शनिवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया। गिरोह के सरगना के पास से 13 मोबाइल, सात बैंक के एटीएम कार्ड, सात सिम कार्ड, आधार कार्ड और लाखों रुपए के हिसाब किताब की 10 डायरियां बरामद हुई है।
पूछताछ में दीपक राज निवासी ग्राम बिशुनपुर छोटे पट्टी थाना दोस्तपुर जिला सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश ने बताया कि उसने लाल इंटर कॉलेज सुल्तानपुर से 12वीं परीक्षा पास की है। वह 2015 में काम के सिलसिले में देहरादून आया और बसंत विहार स्थित हॉक कमांडो सिक्योरिटी सर्विस में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने लगा। इसके बाद वह एक कॉल सेंटर में काम करने लगा। कॉल सेंटर के लोग विभिन्न कंपनियों के टावर लगाने के नाम पर ठगी करते थे। वर्ष 2015 में उसे ठगी के मामले में सेलाकुई थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया।
इसके बाद उसने बसंत विहार स्थित अनुराग चौक के पास अपना कॉल सेंटर खोला और ऑनलाइन ठगी करनी शुरू कर दी, लेकिन वहां से भी साइबर थाना पुलिस ने 2022 में उसे गिरफ्तार कर लिया। उस समय उसके साथ रिशिपाल, सोहित शर्मा व विकास शर्मा भी जेल गए थे। एक महीने जेल में रहने के बाद जमानत के छूटने के बाद वह वापस अपने गांव चला गया। फिर जून 2023 में दोबारा देहरादून आया और प्रेमनगर क्षेत्र में एक कॉल सेंटर खोला, जहां उसने प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के नाम पर ठगी करनी शुरू कर दी।
इस काम के लिए उसने अपने साथ 9 से 10 लड़कों को रखा। इस काम के लिए एक हजार रुपये प्रति सिम खरीदा व बिहार से 25 से 30 हजार रुपये में प्रति खाता खरीदा था। मुद्रा लोन का मैसेज का एड वह दिल्ली के एक लड़के से जारी करवाता था जिससे ग्राहक झांसे में आ जाते थे। मुद्रा लोन को लेकर फर्जी कॉल से धोखाधड़ी करके वह 6 से 7 लाख रुपए प्रति सप्ताह कमा रहा था, जिसमें से 50% हिस्सा अपनी टीम को तथा 50% व खुद रखता था। ठगी की कमाई से उसने सिद्धूवाला व प्रेम नगर में दो प्लाट खरीदे। इसके बाद इसके अलावा पांच-पांच लाख रुपए के तीन कमेटी में अपना धोखाधड़ी से कमाया रुपया लगाया। वहीं प्रेमनगर स्थित ठाकुरपुर में नित्य गारमेंट्स के नाम से दुकान खोली।