फर्जी सर्टिफिकेट मामले में पत्नी व बेटे सहित जेल में सात साल की सजा भुगत रहे हैं आजम खान
रामपुर के चर्चित डूंगरपुर मामले में सजा के साथ 5 लाख का जुर्माना भी लगा
पहाड़ का सच/एजेंसी
लखनऊ। अवैध कब्जे से जुड़े रामपुर के चर्चित डूंगरपुर मामले में भी सपा नेता आजम खान को सजा सुना दी गई है। अदालत ने आजम खान को सात साल की सजा और पांच लाख रुपए जुर्माना लगाया है।
एक दिन पहले ही विशेष कोर्ट ने आजम खान को दोषी करार दिया था।रामपुर के चर्चित डूंगरपुर मामले में भी सपा नेता आजम खान को सजा सुना दी गई है। अदालत ने आजम खान को सात साल की सजा और पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। विशेष कोर्ट ने आजम
खान को घर में घुसकर मारपीट, तोड़फोड़, गाली गलौज और जान से मारने की धमकी के मामले में दोषी करार दिया था। . इससे पहले बेटे के फर्जी प्रमाण पत्र मामले में आजम खान को सात साल की सजा सुनाई जा चुकी है।
हेट स्पीच मामले में भी आजम खान को दो साल की सजा हो चुकी है। आजम खान फिलहाल सीतापुर जेल में बंद हैं। आजम खान के साथ ही आज रिटायर्ड सीओ आले हसन, पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां और ठेकेदार बरकत अली भी सात-सात साल की सजा भुगत रहे हैं।
ये है मामला:सपा सरकार में डूंगरपुर में विभागीय योजना के तहत आसरा आवास बनाए गए थे। इस स्थान पर पहले से ही कुछ मकान बने हुए थे। जमीन को सरकारी बताते हुए 2016 में मकानों को ध्वस्त कर दिया गया था। भाजपा सरकार आने पर जब आजम खान पर शिकंजा कसा गया तो 2019 में डूंगरपुर निवासी एहतशाम खां ने गंज कोतवाली में आजम खान के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी। इसमें आजम खान, आले हसन, अजहर खां, ठेकेदार बरकत अली, फरहान खां, जिबरान और सपा नेता ओमेंद्र चौहान पर आरोप लगाया गया था कि इन लोगों ने उसके घर में घुसकर मारपीट और लूटपाट की। इसके साथ ही घर पर कब्जा भी कर लिया।
मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में चला। अदालत ने आजम खां, अजहर खां, आले हसन, बरकत अली को धारा 495, 412, 452, 504, 506, 427 और 120 बी में दोषी करार दिया गया था। सभी धाराओं में आजम खान और अन्य तीनों लोगों को अलग अलग सजा सुनाने के साथ ही अलग अलग जुर्माना भी लगाया गया है।
पहले भी हुई है सात साल की सजा,फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में
रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान, उनकी पत्नी तंज़ीम फ़ातिमा और उनके बेटे अब्दुल्ला को 7-7 साल की सजा सुनाई है। आजम खान और उनके परिवार को यह सजा फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में सुनाई गई है।