– अदालत ने की इस कांड की जलियांवाला बाग से की तुलना
पहाड़ का सच देहरादून।
उत्तराखंड आंदोलन के दौरान 1994 में हुए रामपुर तिराहा कांड में पीएसी के दो सिपाहियों पर दोष साबित होने के बाद अदालत ने दोनों सिपाहियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।दोनों पर जुर्माना भी लगाया गया है।
चर्चित रामपुर तिराहा कांड में सामूहिक दुष्कर्म, लूट, छेड़छाड़ और साजिश रचने के मामले में अदालत ने फैसला सुना दिया। पीएसी के दो सिपाहियों पर 15 मार्च को दोष सिद्ध हो चुका था। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय संख्या-7 के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह ने सुनवाई की और दोनों दोषी सिपाहियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
इसके अलावा दोषियों पर 40 हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया है।शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राजीव शर्मा, सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी परवेंद्र सिंह, सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक धारा सिंह मीणा और उत्तराखंड संघर्ष समिति के अधिवक्ता अनुराग वर्मा ने बताया कि सीबीआई बनाम मिलाप सिंह की पत्रावली में सुनवाई पूरी हो चुकी है। अभियुक्त मिलाप सिंह और वीरेंद्र प्रताप सिंह पर दोष सिद्ध हुआ था।