पहाड़ का सच नई दिल्ली/देहरादून।
भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनावों की घोषणा कर दी है। देश में सात चरणों में वोट डाले जाएंगे। उत्तराखंड में पहले चरण में 19 अप्रैल को एक साथ मतदान होगा। देशभर में 4 जून को मतगणना को होगी। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होने के साथ ही देशभर में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।
शनिवार अपराह्न नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयुक्त ज्ञानेश कुमार व सुखबीर सिंह संधू की मौजूदगी में मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव तारीखों की घोषणा की।
16 जून को 17वीं लोकसभा का कार्यकाल पूरा हो रहा है। 26 विधानसभा का उपचुनाव होना है। उनमें लोकसभा चुनाव के साथ होगा। सिक्किम, उड़ीसा, अरुणाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव के साथ होगा। लोकसभा की 543 सीटों पर चुनाव प्रक्रिया 7 चरणो में संपन्न होंगे। उत्तराखंड में 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान होगा। 20 मार्च को इसके लिए विधिवत नोटिफिकेशन होगा। 27 मार्च को नामांकन का आखिरी दिन होगा। नाम वापसी 30 मार्च को हो सकेगी।
कुल मतदाता 97 करोड़, देशभर में 1.82 करोड़ युवा पहली बार डालेंगे वोट
उन्होंने बताया कि देशभर में कुल लगभग 97 करोड़ मतदाता हैं। इनमे 1.82 करोड़ युवा मतदाता पहली बार वोट करेंगे। इनमे 18 से 21 वर्ष की 85 लाख युवतियां वोटर हैं। 21 करोड़ से ज्यादा वोटर 18 से 29 वर्ष की आयु वर्ग के युवा हैं। 82 लाख मतदाता 85 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। ये वृद्ध मतदाता घर से वोट कर सकेंगे।
देश के 12 राज्यों में महिला वोटर्स की संख्या पुरुषों से ज्यादा, 55 लाख ईवीएम होंगी इस्तेमाल
उन्होंने बताया कि देश में कुल मतदाताओं में 49.72 करोड़ पुरुष और 47.10 करोड़ महिला हैं। 12 राज्यों में महिला वोटर्स पुरुषों के मुकाबले ज्यादा हैं। मतदान के लिए देशभर में 55 लाख से ज्यादा ईवीएम का इस्तेमाल होगा। निष्पक्ष चुनाव के लिए 2100 आब्जर्वर भी तैनात किए गए हैं।
– हिंसामुक्त और निष्पक्ष चुनाव को उठाए कई कदम, पर्सनल अटैक से बचें: सीईसी
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि बाहुबल और हिंसा को रोकने के लिए प्रत्येक जिले में कंट्रोल रूम बनेंगे। इसके लिए डीएम-एसएसपी को सक्त हिदायत दी गई है। डीएम को कहा है कि 3 साल से अधिक वाले सारे स्टाफ को बदलें। अनुबंधित स्टाफ नहीं लगाया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर से सटे क्षेत्रों में निगरानी के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल होगा। हिंसामुक्त चुनाव के लिए आयोग प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि राजनीतिक दलों को बता दिया गया है कि हेट स्पीच, धार्मिक स्पीच और व्यक्तिगत आक्षेप पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। समाचार पत्रों के संपादकों के लिए भी गाइड लाइन जारी की गई है।