– सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘मोदी है तो मुमकिन है’
– कानून के अस्तित्व मे आने से राज्य मे रह रहे हजारों शरणार्थियों को मिलेगी राहत: महेंद्र भट्ट
पहाड़ का सच,देहरादून।
देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA ) लागू होने पर उत्तराखंड भाजपा ने खुशी का इजहार किया है। सीएम धामी ने अपने बयान में कहा कि ” मोदी हैं तो सब मुमकिन है”.
धामी ने अपने बयान में कहा कि प्रधानमंत्री @narendramodi के कुशल नेतृत्व में पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफ़ग़ानिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों को सुरक्षा व सम्मान प्रदान करने के लक्ष्य के साथ केंद्र सरकार द्वारा देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA ) लागू करने का निर्णय अभिनंदनीय है।
इस ऐतिहासिक निर्णय हेतु प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री @AmitShah का हार्दिक आभार!
प्रधानमंत्री का यह कदम राष्ट्रहित में उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति को परिलक्षित करता है। हमें पूर्ण विश्वास है कि आपके तीसरे कार्यकाल में भी इसी प्रकार देश को सशक्त करने वाले निर्णय लिए जाते रहेंगे। उधर, भाजपा संगठन ने सीएए लागू होने पर खुशी व्यक्त करते हुए, देवभूमिसियों की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया है । प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के सिद्धांतों पर चलने वाली भाजपा सरकार ने जनता से किया इस एक वादे को भी आज पूरा किया है । धार्मिक रूप से प्रताड़ित पड़ोसी देशों के लोगों को शरण देना संवैधानिक रूप से वैध और हमारी अथिति देवो भव परंपरा का हिस्सा है ।
नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019, के नोटिफिकेशन जारी होने पर प्रतिक्रिया जारी करते हुए भट्ट ने कहा कि भारत इस कानून के आधार पर 3 पड़ोसी देशों अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश, से धार्मिक आधार पर प्रताडित होने वालों को शरण दी जाएगी ।उन्होंने कहा कि इसके तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में शरण मांगने वालों को नागरिकता दी जाएगी । जिसमे माइनॉरिटी कम्युनिटी हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई के लोग हैं जो अपने देशों में धर्म के आधार पर भेदभाव के पीड़ित थे । दशकों से ये लाखों लोग देश के विभिन्न हिस्सों में मूलभूत अधिकारों के अभाव में नारकीय जिंदगी जीने पर मजबूर हैं । उनकी तकलीफों को दूर करने के लिए भाजपा और मोदी सरकार ने संवेदनशीलता दिखाई है और उनकी नागरिकता में आने वाली कानूनी बाधाओं को दूर किया है ।
उन्होंने कहा कि इस नागरिकता संशोधन कानून के सन्दर्भ में कई गलतफहमियां फैलाई गई हैं कि यह नागरिकता देने का कानून है । लिहाजा इसके लागू होने से CAA से किसी भी भारतीय नागरिक के नागरिकता नहीं जाने वाली है चाहे वह किसी भी धर्म का हो। यह कानून केवल उन लोगों के लिए है जिन्हें वर्षों से उत्पीड़न सहना पडा और जिनके पास दुनिया में भारत के अलावा और कोई जगह नहीं है। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत का संविधान हमें यह अधिकार देता है कि मानवतावादी दृष्टिकोण से धार्मिक शरणार्थियों को मूलभूत अधिकार मिले और ऐसे शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान की जा सके।
आज मोदी देश दुनिया से भारतीय नागरिकों को संकट में से निकालते रहे है । ठीक उसी तरह शरणर्थियों को नागरिकता अधिकार देना और उनकी सांस्कृतिक, भाषिक, सामाजिक पहचान बचाने भी हमारी जिम्मेदारी है। इस कानून संशोधन के साथ उन्हे आर्थिक, व्यवसायिक, फ्री मूवमेंट, संपत्ति खरीदने जैसे अधिकार प्राप्त होंगे।
उन्होंने कहा, कोविड महामारी के कारण नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने में देरी हुई। लेकिन अबइसे हमने लागू करके पुनः साबित किया है कि हम जो वादे करते हैं उसे पूरा करते हैं । इसके अस्तित्व में आने के बाद उत्तराखंड में निवास कर रहे हजारों शरणार्थियों को भी राहत मिलने वाली है । जिसके लिए उन्होंने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का प्रदेश की जनता को तरफ से आभार व्यक्त किया।