पहाड़ का सच देहरादून।
मसूरी-किमाड़ी मार्ग पर वन गुर्जर बस्ती में 10 साल के बच्चे को तेंदुए ने मार डाला। परिजनों ने बच्चे की तेंदुए के मुंह से छीन लिया, लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी। वन विभाग की टीम तेंदुए को पकड़ने के लिए कांबिंग में जुट गई है। शव को देर रात मोर्चरी में रखवाया दिया गया है। आज शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। दो महीने में ये दूसरी घटना है जब तेंदुए ने दो मासूमों को मार डाला है।
किमाड़ी मार्ग पर गल्जवाड़ी गांव से करीब दो किलोमीटर नीचे की तरफ वन क्षेत्र में बड़ी वन गुर्जर बस्ती है। यहां पर गुर्जरों के करीब 10-12 डेरे हैं। जानकारी के अनुसार आठ बजे करीब 10 साल का रियासत पुत्र मीर हमजा शौच करने के लिए डेरे से बाहर आया। इसी दौरान तेंदुए ने उस पर झपटा मार दिया। अन्य बच्चों ने शोर मचाया तो डेरों में मौजूद लोग तेंदुए की ओर दौड़े। किसी तरह लोगों ने बच्चे को तेंदुए के जबड़ों से छुड़ा लिया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
दो महीने पहले सिंगली में भी बच्चे को बनाया निवाला
दो महीने में दूसरी बार गुलदार ने राजधानी से सटे इलाके में एक और मासूम को निवाला बनाया है। इस बीच तेंदुआ एक बच्चे को घायल भी कर चुका है।
वन विभाग के गश्त और ट्रैप कैमरे लगाने के तमाम दावों के बीच देहरादून व आसपास के गुलदार के खौफ के साए में हैं। सुधोवाली और सिंगली गांवों में बच्चों पर हमला करने वाले गुलदार अब तक वन विभाग की पकड़ से दूर हैं। किमाड़ी-मसूरी रोड पर गल्जवाड़ी के पास मडारी गांव में हुई घटना से एक बार फिर लोगों में दहशत है।जनवरी को सुधोवाली में भी तेंदुए ने एक बच्चे को घायल किया था।