पहाड़ का सच,देहरादून।
शासन के ताजा आदेश में कहा गया है कि पेयजल निर्माण निगम व जल संस्थान कर्मी छह माह तक हड़ताल नहीं कर पाएंगे। कर्मियों ने हड़ताल की चेतावनी दी थी। कल से विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है।
अधिसूचना
चूंकि राज्य सरकार का यह समाधान हो गया है, कि लोकहित में ऐसा करना आवश्यक और समीचीन है।
अतएव, अब “उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम, 1966” (उत्तराखण्ड राज्य में यथा प्रवृत्त) (उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या 30, सन् 1966) की धारा-3 की उपधारा (1) के अधीन प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करके राज्यपाल इस आदेश के प्रकाशन के दिनांक से छः माह की अवधि के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अन्तर्गत स्थापित उत्तराखण्ड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम तथा उत्तराखण्ड जल संस्थान की समस्त श्रेणी की सेवाओं में तात्कालिक प्रभाव से हड़ताल निषिद्ध करते हैं।
उक्त अधिनियम की धारा-3 की उपधारा (2) के अधीन यह भी आदेश देते हैं कि यह आदेश गजट में प्रकाशित किया जायेगा।
आज्ञा से,
(अरविन्द सिंह ह्याँकी) सचिव ।